प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने अमेरिका के दौरे के दौरान माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter के मालिक Elon Musk के साथ मीटिंग करेंगे। मस्क बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों में शामिल Tesla के भी CEO हैं। इससे पहले मोदी ने लगभग आठ वर्ष पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया में टेस्ला की फैक्टरी का विजिट करने पर मस्क से मुलाकात की थी। हालांकि, तब मस्क ट्विटर के मालिक नहीं थे।
टेस्ला ने भारत में अपनी फैक्टरी लगाने की योजना बनाई है। इस वजह से मस्क के साथ मोदी की मीटिंग महत्वपूर्ण है। Wall Street Journal को दिए इंटरव्यू में मस्क से पूछा गया था कि क्या
टेस्ला भारतीय मार्केट में दिलचस्पी रखती है, इस पर मस्क का जवाब था, "पूरी तरह।" उन्होंने बताया था कि कंपनी इस वर्ष के अंत तक भारत में अपनी फैक्टरी की लोकेशन चुन सकती है। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका पहुंचने के बाद विभिन्न क्षेत्रों के दो दर्जन से अधिक प्रमुख व्यक्तियों के साथ उनकी मीटिंग होगी। इनमें नोबल पुरस्कार विजेता, इकोनॉमिस्ट्स, एक्सपर्ट्स, आंत्रप्रेन्योर्स, आर्टिस्ट्स और साइंटिस्ट्स शामिल होंगे।
केंद्र सरकार ने भी टेस्ला की भारत में फैक्टरी लगाने की
योजना का संकेत दिया है। हाल ही में टेस्ला के एग्जिक्यूटिव्स ने इसे लेकर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की थी। स्टेट मिनिस्टर फॉर टेक्नोलॉजी Rajeev Chandrasekhar ने Reuters को दिए इंटरव्यू में बताया था, "भारत में प्रोडक्शन और इनोवेशन का बेस बनाने को लेकर टेस्ला गंभीर है। हमने उन्हें कहा है कि भारत में टेस्ला की महत्वाकाक्षांओं और इनवेस्टमेंट के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार मदद करेगी।" इससे पहले Reuters ने रिपोर्ट दी थी कि टेस्ला ने भारत में EV बनाने का प्रपोजल दिया है। इसके अलावा वह EV की बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग पर भी विचार कर रही है।
बहुत सी ग्लोबल कंपनियां अपनी सप्लाई चेन को चीन से बाहर बढ़ाना चाहती हैं। ऐसी कंपनियों के लिए सरकार का 'मेक इन इंडिया' अभियान एक अच्छा जरिया हो सकता है। पिछले वर्ष इम्पोर्ट टैक्स में कमी के निवेदन को केंद्र सरकार की ओर से ठुकराए जाने के बाद मस्क ने देश में इलेक्ट्रिक कारें बेचने की अपनी योजना को टाल दिया था। उनका कहना था कि देश में कारों पर इम्पोर्ट टैक्स बहुत अधिक है।