अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर Tesla की देश में जल्द बिजनेस शुरू करने की संभावना कम है। ऐसी अटकल थी कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में टेस्ला के को-फाउंडर, Elon Musk हिस्सा ले सकते हैं और इस इवेंट में कंपनी की ओर से देश में बिजनेस शुरू करने को लेकर घोषणा की जा सकती है। हालांकि, टेस्ला के इस बड़े इवेंट में हिस्सा नहीं लेने से यह अटकल गलत हुई है।
इस बारे में गुजरात इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर, Rahul Gupta ने संवाददाताओं को बताया, "यह किसी विशेष कंपनी का अधिकार होता है कि वह कहां और कितना इनवेस्टमेंट करे। अगर टेस्ला गुजरात में आने का फैसला करती है तो राज्य सरकार को बहुत खुशी होगी।"
हाल ही में गुजरात के हेल्थ मिनिस्टर Rushikesh Patel ने कहा था कि फैक्टरी के लिए जमीन को लेकर
टेस्ला की राज्य सरकार के साथ बातचीत अंतिम दौर में है। उनका कहना था कि राज्य सरकार को उम्मीद है कि मस्क अपनी फैक्टरी के लिए गुजरात को चुनेंगे। उन्होंने बताया था, "मस्क भी गुजरात को पहले विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। हम निश्चित तौर पर इसका स्वागत करेंगे और सभी जरूरी मदद उपलब्ध कराएंगे।" कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि
कंपनी की फैक्टरी गुजरात के साणंद में लगाई जा सकती है। देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki और Tata Motors के भी साणंद में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे कुछ अन्य राज्य भी कंपनी को फैक्टरी लगाने के लिए निमंत्रण दे रहे हैं। टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों की देश में बिक्री नहीं होती। इसका बड़ा कारण अधिक इम्पोर्ट ड्यूटी है। हालांकि, मस्क यह कह चुके हैं कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए काफी संभावना है।
केंद्र सरकार ने कहा था कि देश में EV के इम्पोर्ट पर टैक्स में छूट देने के किसी प्रपोजल पर विचार नहीं किया जा रहा। टेस्ला ने देश में अपनी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री शुरू करने के लिए सरकार से इम्पोर्ट टैक्स में छूट देने की मांग की थी। टेस्ला ने सरकार से EV पर 40 प्रतिशत का इम्पोर्ट टैक्स लगाने का निवेदन किया था। देश में इम्पोर्ट किए जाने वाले व्हीकल्स पर 60 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक का टैक्स लगता है।