अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर Tesla के चीफ, Elon Musk की नेटवर्थ 400 अरब डॉलर से अधिक हो गई है। दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति मस्क इतनी नेटवर्थ तक पहुंचने वाले पहले व्यक्ति हैं। पिछले महीने अमेरिका में चुनाव में Donald Trump की जीत के बाद मस्क की कंपनियों के शेयर प्राइसेज में काफी तेजी आई है।
Bloomberg Billionaires Index के अनुसार, मस्क की नेटवर्थ में उनकी रॉकेट कंपनी SpaceX के शेयर्स की बिक्री से लगभग 50 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। इससे उनकी नेटवर्क 439 अरब डॉलर से अधिक हो गई है। ट्रंप के प्रमुख समर्थकों में मस्क शामिल थे। ट्रंप की जीत के बाद से
टेस्ला के शेयर प्राइस में जोरदार बढ़ोतरी हुई है। अगले वर्ष की शुरुआत में अमेरिका में ट्रंप की अगुवाई वाली नई सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए टैक्स क्रेडिट को समाप्त कर सकती है। इससे चाइनीज
EV कंपनियों को नुकसान होग। इससे टेस्ला को बड़ा फायदा मिल सकता है। कंपनी जल्द ही भारत में अपना बिजनेस शुरू कर सकती है। कंपनी ने दिल्ली में शोरूम की जगह की तलाश दोबारा शुरू कर दी है। इस वर्ष की शुरुआत में टेस्ला ने देश में अपने इनवेस्टमेंट की योजना को टाल दिया था। कंपनी के चीफ, Elon Musk ने अप्रैल में भारत का विजिट टाल दिया था। इस विजिट में मस्क की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मीटिंग भी होनी थी। Reuters की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि राजधानी में शोरूम के लिए जगह के बारे में कंपनी की DLF के साथ बातचीत हो रही है।
मस्क के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप xAI के शेयर का प्राइस मई में फंडिंग जुटाने के बाद से दोगुने से अधिक हुआ है। ट्रंप ने मस्क और भारतीय मूल के Vivek Ramaswamy को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी की जिम्मेदारी दी है। अमेरिकी सरकार में यह एक नया डिपार्टमेंट होगा। इस डिपार्टमेंट शुरुआत में प्रस्ताव मस्क ने दिया था।
ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि नया डिपार्टमेंट ब्यूरोक्रेसी की अड़चनों को घटाएगा। ट्रंप ने बताया था कि इस डिपार्टमेंट का टारगेट ब्यूरोक्रेसी को घटाना, अथिरिक्त रेगुलेशंस में कमी करना, गैर जरूरी खर्च में कटौती और फेडरल एजेंसियों की रिस्ट्रक्चरिंग करना होगा ।हालांकि, इस डिपार्टमेंट में मस्क की भूमिका हितों के टकराव का मुद्दा भी बन सकती है। मस्क की टेस्ला और SpaceX को सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स और पॉलिसीज से अरबों डॉलर मिले हैं।