कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में LG Energy Solution से प्रॉपराइटरी पाउस सेल टेक्नोलॉजी के लीक में ओला इलेक्ट्रिक के शामिल होने का आरोप लगाया गया था
हाल ही में कंपनी ने नई बैटरी टेक्नोलॉजी के साथ S1 Pro+ इलेक्ट्रिक स्कूटर को लॉन्च किया था
बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों में शामिल ओला इलेक्ट्रिक ने दक्षिण कोरिया की LG Energy Solution से बैटरी से जुड़ी टेक्नोलॉजी को लीक करने के आरोप को 'बेबुनियाद' बताया है। कंपनी ने कहा है कि उसकी पुराने पाउच सेल फॉर्मेट में व्यावसायिक या रिसर्च के लिहाज से कोई दिलचस्पी नहीं है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में LG Energy Solution से प्रॉपराइटरी पाउस सेल टेक्नोलॉजी के लीक में ओला इलेक्ट्रिक के शामिल होने का आरोप लगाया गया था। ओला इलेक्ट्रिक ने बताया कि उसकी नई 4680 Bharat Cell टेक्नोलॉजी का पहले ही व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। कंपनी ने एक स्टेटमेंट में कहा, "ओला इलेक्ट्रिक के टेक्नोलॉजी के लीक में शामिल होने से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स कंपनी की विश्व-स्तरीय बैटरी इनोवेशन की क्षमता पर गलत आशंका जता रही हैं। यह भ्रामक और पूरी तरह आधारहीन है।"
दक्षिण कोरिया के एक पब्लिकेशन ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि LG Energy Solution की प्रॉपराइटरी बैटरी मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी को ओला इलेक्ट्रिक को लीक करने के आरोप की सरकार जांच कर रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि दक्षिण कोरिया की सरकार इस टेक्नोलॉजी को बहुत महत्वपूर्ण मानती है। LG Energy Solution के एक पूर्व रिसर्चर की इस मामले में जांच की जा रही है। ओला इलेक्ट्रिक में दक्षिण कोरिया की Hyundai का बड़ा इनवेस्टमेंट है।
हाल ही में ओला इलेक्ट्रिक ने S1 Pro+ इलेक्ट्रिक स्कूटर को लॉन्च किया था। इस इलेक्ट्रिक स्कूटर में कंपनी की ओर से डिवेलप की गई 4680 Bharat Cell बैटरी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इससे कंपनी अपने प्रोडक्ट्स में बेहतर रेंज और परफॉर्मेंस उपलब्ध करा सकेगी। S1 Pro+ में 5.2 kWh की बैटरी दी गई है। यह कंपनी के 4680 Bharat Cell का इस्तेमाल करने वाला पहला व्हीकल है। इसके साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए बैटरी पैक और बैटरी सेल्स की मैन्युफैक्चरिंग करने वाली देश की यह पहली कंपनी बन गई है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया था कि यह एनर्जी में आत्मनिर्भरता के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे ओला इलेक्ट्रिक को अधिक रेंज, बेहतर परफॉर्मेंस और सेफ्टी वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स उपलब्ध कराने में आसानी होगी। देश में पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ी है। हालांकि, अधिकतर EVs में इम्पोर्टेड बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है।
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