पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री तेजी से बढ़ी है। दुनिया भर में पिछले वर्ष कारों की कुल सेल्स में EV की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत की रही। पिछले वर्ष लगभग 1.40 करोड़ EV की सेल्स हुई है। इसमें अमेरिका, चीन और यूरोप की हिस्सेदारी लगभग 95 प्रतिशत की है।
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) की एक स्टडी में बताया गया है कि मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में भी इलेक्ट्रिक कारों की जोरदार सेल्स हुई है। इसने चार वर्ष पहले EV की कुल वार्षिक सेल्स को पार कर लिया है। पिछले वर्ष इलेक्ट्रिक कारों की सेल्स वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 35 प्रतिशत बढ़ी है। इस स्टडी में कहा गया है कि दुनिया भर में पिछले वर्ष के प्रत्येक सप्ताह में 2.5 लाख से अधिक नई इलेक्ट्रिक कार के रजिस्ट्रेशन हुए हैं। हालांकि, इस स्टडी से पता चलता है कि EV की सेल्स में कुछ मार्केट्स की बड़ी हिस्सेदारी है। इन मार्केट्स में अमेरिका, चीन और यूरोप शामिल हैं। इमर्जिंग मार्केट्स में इलेक्ट्रिक कारों की सेल्स बढ़ रही है।
बड़ी EV कंपनियों मे्ं शामिल
Tesla के मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में प्रॉफिट और रेवेन्यू में भारी कमी हुई है। पहली तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 55 प्रतिशत कम होकर लगभग 1.1 अरब डॉलर और रेवेन्यू नौ प्रतिशत घटकर लगभग 21.3 अरब डॉलर का रहा। पिछले कई महीनों से टेस्ला को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी सेल्स में कमी हो रही है। इसने अपनी वर्कफोर्स को भी घटाने का फैसला किया है। कंपनी के इनवेस्टर्स को उम्मीद है कि अगले वर्ष यह एक अफोर्डेबल इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करेगी। इससे कंपनी की सेल्स में बढ़ोतरी हो सकती है।
टाटा मोटर्स की की मार्च में सेल्स 14 प्रतिशत बढ़ी है। कंपनी ने भारत और इंटरनेशनल मार्केट्स में 50,937 यूनिट्स बेची हैं। इसका बड़ा हिस्सा
EV और CNG व्हीकल्स से मिला है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में 5.74 लाख कारों की सेल्स की है। टाटा मोटर्स के लिए Punch और Nexon ने मार्च में भी सेल्स में बड़ा योगदान दिया है। हाल ही में Punch का इलेक्ट्रिक और CNG वर्जन लॉन्च किया गया था। पिछले महीने इलेक्ट्रिक और CNG व्हीकल्स की टाटा मोटर्स की कुल सेल्स में 29 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है। देश के EV सेगमेंट में लगभग 80 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कंपनी सबसे आगे है।