क्रिप्टो के जरिए बिजनेस बढ़ाने की तैयारी में दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज

NYSE की योजना नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) बेचने के लिए एक वर्चुअल मार्केटप्लेस बनाने की है। यह मेटावर्स सेगमेंट में भी एक्सपैंशन करना चाहता है

क्रिप्टो के जरिए बिजनेस बढ़ाने की तैयारी में दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज

NYSE ने US पेटेंट एंड ट्रे्डमार्क ऑफिस को आवेदन दिया है और इससे अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है

ख़ास बातें
  • लाइसेंस मिलने के बाद NYSE की योजना क्रिप्टो टोकन लॉन्च करने की भी है
  • NYSE का कहना है कि क्रिप्टो से जुड़ी योजना पर तुरंत काम नहीं किया जाएगा
  • यह मेटावर्स सेगमेंट में भी एक्सपैंशन करना चाहता है
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दुनिया के सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) ने क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज और मेटावर्स से जुड़ा एक NFT मार्केटप्लेस शुरू करने की योजना बनाई है। इसके लिए  NYSE का एक ट्रेडमार्क के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी गई है। अमेरिका में क्रिप्टो सेगमेंट को राजनीतिक, प्रशासनिक और इंडस्ट्री का समर्थन मिल रहा है। हालांकि, इस सेगमेंट से जुड़े कानून अमेरिका में मौजूद नहीं हैं।

NYSE ने US पेटेंट एंड ट्रे्डमार्क ऑफिस को आवेदन दिया है और इससे अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है। NYSE की योजना नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) बेचने के लिए एक वर्चुअल मार्केटप्लेस बनाने की है। यह मेटावर्स सेगमेंट में भी एक्सपैंशन करना चाहता है, जहां बायर्स एक पूरी तरह वर्चुअल सेटिंग में अपने NFT के साथ इंटरएक्ट कर सकेंगे। लाइसेंस मिलने के बाद NYSE की योजना अपना क्रिप्टो टोकन लॉन्च करने की भी है। इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि, NYSE का कहना है कि क्रिप्टो से जुड़ी उसकी योजना पर तुरंत काम नहीं किया जाएगा।

New York Post ने एक्सचेंज के हवाले से दी गई एक रिपोर्ट में कहा है, "NYSE नियमित तौर पर नए प्रोडक्ट्स और उनके अपने ट्रेडमार्क पर असर पर विचार करता है। इसके साथ ही इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की भी सुरक्षा की जाती है। NYSE की तुरंत क्रिप्टोकरंसी या NFT ट्रेडिंग शुरू करने की योजना नहीं है।" 

यह पहली बार नहीं है कि जब NYSE ने क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर कोई कदम उठाया है। पिछले वर्ष NYSE ने पहला बिटकॉइन फ्यूचर्स ETF लॉन्च किया था। इससे बिटकॉइन के प्राइसेज में भी काफी तेजी आई थी। रूस में भी क्रिप्टोकरंसी को बढ़ावा दिया जा रहा है। हाल ही में क्रिप्‍टोकरेंसी को रेगुलेट करने को लेकर सरकार और बैंक ऑफ रूस ने एक समझौता किया है। इसके बाद एक ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं, जो 18 फरवरी तक सामने आ सकता है। इसमें क्रिप्टो को DFA (डिजिटल फाइनेंशियल असेट्स) के बजाय ‘करेंसीज के एनालॉग' के रूप में परिभाषित किया जाएगा। कानूनी तरीके से क्रिप्‍टो से जुड़ी ट्रांजैक्शंस पूरी पहचान के साथ सिर्फ बैंकिंग सिस्‍टम या लाइसेंस प्राप्‍त बिचौलियों के जरिए हो सकेगा। रूस में क्रिप्टो माइनिंग को लेकर भी नियमों में छूट दी रही है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी क्रिप्टो सेगमेंट के लिए उदार रुख का संकेत दिया था।

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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