क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) पर अपना रुख तय करने में भारत सरकार को समय लग रहा है, लेकिन 2022 की शुरुआत के साथ क्रिप्टो सेक्टर में ग्रोथ की नई संभावनाएं बढ़ रही हैं। अब टोरस क्लिंग ब्लॉकचैन IFSC और इंडिया INX के बीच एक MoU पर साइन किए गए हैं। इसके तहत अमेरिका के बाहर पहला बिटकॉइन और Ethereum फ्यूचर्स एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) लॉन्च किया जाएगा। टोरस क्लिंग ब्लॉकचैन को कॉस्मी फाइनेंशियल होल्डिंग्स और क्लिंग ट्रेडिंग इंडिया के जॉइंट वेंचर के तौर पर जाना जाता है। वहीं, इंडिया INX, देश का पहला अंतरराष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है।
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि MoU के तहत भारत के ETF को तीन भागों में लॉन्च करने की जिम्मेदारी सौंपी है- इंडिया INX ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म होगा। कॉस्मी फाइनेंशियल होल्डिंग्स डिस्ट्रीब्यूशन करेगी और क्लिंग ट्रेडिंग टेक्नॉलॉजी पार्टनर के रूप में काम करेगी।
ETF देश में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी पूंजी या संपत्ति को क्रिप्टो सेक्टर में प्रयोग करने की इजाजत देगा। इस वित्तीय वर्ष के आखिर तक इसे लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।
IndiaInfoLine ने इंडिया INX के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO वी. बालासुब्रमण्यम के हवाले से
कहा है कि हम जरूरी अनुमोदन हासिल करने के बाद इन नए युग की संपत्तियों से जुड़े प्रोडक्ट्स लॉन्च करेंगे।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड क्या हैं?
ETF ऐसे फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स हैं, जो रेगुलेट होते हैं और विभिन्न संपत्तियों की एक बड़ी सीरीज का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। ETF, बिटकॉइन या Ethereum जैसे असेट्स की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर नजर रखते हैं। इससे लोगों को असेट्स की एक यूनिट का मालिक बने बिना प्राइस ट्रेंड से फायदा कमाने का ऑप्शन मिलता है।
ETF एक प्रकार का प्राइस-ट्रैकिंग ट्रेडिंग कॉन्ट्रैक्ट है, जो पार्टियों द्वारा किया जाता है। 19 अक्टूबर 2021 को पहला बिटकॉइन फ्यूचर्स ईटीएफ न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लॉन्च किया गया था। उस समय बिटकॉइन की वैल्यूएशन बढ़कर 64,476 डॉलर (लगभग 48,51,174 रुपये) हो गई थी। इस तरह यह टोकन 68,000 डॉलर (लगभग 50.3 लाख रुपये) के अपने अंतिम उच्च स्तर के करीब पहुंच गया था।
गौरतलब है कि देश में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का रुख सख्त दिखाई दे रहा है। डिजिटल करेंसीज को लेकर केंद्र सरकार ने एक बिल तैयार किया है। इसके अनुसार, देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर बैन लगाने वाला प्रस्तावित कानून इसका उल्लंघन करने वालों पर भी कार्रवाई कर सकता है। कानून का उल्लंघन करने वालों की बिना वॉरंट गिरफ्तारी हो सकती है और उन्हें जमानत भी नहीं मिलेगी।