अमेरिका के फाइनेंशियल सिस्टम के लिए रिस्क हैं क्रिप्टोकरेंसीज, फेडरल रिजर्व की राय

Powell ने कहा कि उन्हें समान एक्टिविटी, समान रेगुलेशन के सिद्धांत का पालन करना होगा, जिसका मतलब है कि सामान्य बैंकिंग सिस्टम के बाहर होने वाली ट्रांजैक्शंस को उसी तरह रेगुलेट किया जाना चाहिए जैसा बैंकों के जरिए होने वाली ट्रांजैक्शंस को किया जाता है

अमेरिका के फाइनेंशियल सिस्टम के लिए रिस्क हैं क्रिप्टोकरेंसीज, फेडरल रिजर्व की राय

फेडरल रिजर्व का मानना है कि कस्टमर्स की सुरक्षा के लिए नए रूल्स की जरूरत है

ख़ास बातें
  • अमेरिकी रेगुलेटर्स ने क्रिप्टो सेगमेंट की स्क्रूटनी बढ़ाना चाहते हैं
  • फेडरल रिजर्व डिजिटल डॉलर की संभावना भी तलाश रहा है
  • अमेरिका में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम बढ़ रहे हैं
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क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर चेतावनी देने वाली सेंट्रल बैंकों की संख्या बढ़ रही है। अमेरिका के फेडरल रिजर्व के चेयरमैन Jerome Powell ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसीज और स्टेबलकॉइन्स जैसे नए प्रकार के डिजिटल एसेट्स अमेरिका के फाइनेंशियल सिस्टम के लिए रिस्क हैं और कस्टमर्स की सुरक्षा के लिए नए रूल्स की जरूरत है। 

Associated Press की रिपोर्ट के अनुसार, बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स की ओर से आयोजित एक सेमिनार में Powell ने कहा कि नई टेक्नोलॉजीज इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स की कॉस्ट कम कर सकती हैं और इसे तेज बनाया जा सकता है लेकिन इनसे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के अस्थिर होने की भी आशंका है। उनका कहना था, "हमारा मौजूदा रेगुलेटरी फ्रेमवर्क इस तरह के डिजिटल एसेट्स को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया था। स्टेबलकॉइन्स, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसीज और डिजिटल फाइनेंस के लिए मौजूदा कानूनों और रेगुलेशंस में बदलाव करने के साथ ही नए रूल्स और फ्रेमवर्क पर काम करने की भी जरूरत है।" 

क्रिप्टोकरेंसीज का एक प्रकार स्टेबलकॉइन्स होते हैं जो डॉलर या गोल्ड जैसी एक कमोडिटी के साथ आमतौर पर जुड़े होते हैं। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसीज को सरकार की ओर से जारी किया जाता है और यह डॉलर या अन्य करेंसीज का डिजिटल प्रकार होती हैं। फेडरल रिजर्व को डिजिटल डॉलर की संभावना तलाश करने के लिए कहा गया है। हालांकि, इसने डिजिटल डॉलर को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। इस वर्ष की शुरुआत में फेडरल रिजर्व ने स्टेबलकॉइन्स पर एक स्टडी जारी की थी।

Powell ने यह नहीं बताया कि किस प्रकार के रेगुलेशंस की जरूरत हो सकती है। उन्होंने कहा कि उन्हें समान एक्टिविटी, समान रेगुलेशन के सिद्धांत का पालन करना होगा, जिसका मतलब है कि सामान्य बैंकिंग सिस्टम के बाहर होने वाली ट्रांजैक्शंस को उसी तरह रेगुलेट किया जाना चाहिए जैसा बैंकों के जरिए होने वाली ट्रांजैक्शंस को किया जाता है। इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी प्रेसिडेंट Joe Biden ने डिजिटल एसेट्स से जुड़े एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें ट्रेजरी डिपार्टमेंट और अन्य एजेंसियों को वित्तीय स्थिरता और देश की सुरक्षा पर क्रिप्टोकरेंसीज के प्रभाव की स्टडी करने को कहा गया था। अमेरिका में पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े स्कैम के मामले भी बढ़े हैं। इस वजह से रेगुलेटर्स ने क्रिप्टो सेगमेंट की स्क्रूटनी बढ़ाने की जरूरत बताई है। 
 
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