मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के प्राइस में सोमवार को तेजी थी। बिटकॉइन का प्राइस एक प्रतिशत से अधिक बढ़कर 98,800 डॉलर से अधिक पर ट्रेड कर रहा था। इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी ने पिछले महीने 1,08,800 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। हालांकि, इसके बाद हिटकॉइन में काफी गिरावट हुई थी।
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर बिटकॉइन 99,500 डॉलर से महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस को पार करता है तो इसमें जोरदार तेजी आ सकती है। हालांकि, इस लेवल को पार करने में नाकाम रहने पर इसका प्राइस के गिरने की आशंका है। इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज Binance पर दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether का
प्राइस लगभग 0.75 प्रतिशत बढ़कर 3,631 डॉलर पर था। इसके अलावा Avalanche, Cardano, Litecoin और Monero के प्राइस बढ़े हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो की मार्केट वैल्यू लगभग 0.52 प्रतिशत बढ़कर लगभग 3.52 लाख करोड़ डॉलर पर थी। इस मार्केट में बिटकॉइन की हिस्सेदारी लगभग 56 प्रतिशत की है।
बिटकॉइन में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी भी बढ़ रही है। एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर बनाने वाली MicroStrategy ने दिसंबर के अंत में लगातार आठवें सप्ताह में
बिटकॉइन की बड़ी संख्या में खरीदारी की थी। यह बिटकॉइन की सबसे अधिक होल्डिंग वाली कंपनी है। माइक्रोस्ट्रैटेजी के पास लगभग 4,46,000 बिटकॉइन हैं।
हाल ही में इस कंपनी ने बताया था कि वह इस वर्ष अधिक शेयर्स इश्यू कर बिटकॉइन खरीद सकती है। पिछले वर्ष बिटकॉइन का प्राइस 130 प्रतिशत से अधिक बढ़ा था। हालांकि, माइक्रोस्ट्रैटेजी के शेयर्स की बिक्री कर बिटकॉइन खरीदने की स्ट्रैटेजी पर सवाल भी उठ रहे हैं। अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव के लिए प्रचार के दौरान Donald Trump ने बिटकॉइन का रिजर्व बनाने का संकेत दिया था। हालांकि, Federal Reserve का कहना है कि उसका बिटकॉइन का बड़ा स्टॉक बनाने की आगामी सरकार की योजना में शामिल होने का इरादा नहीं है। बिटकॉइन का इस्तेमाल रूस की कंपनियां विदेश से कारोबार में कर रही हैं। रूस ने कानून में बदलाव कर पश्चिमी देशों की पाबंदियों से निपटने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। रूस के प्रेसिडेंट Vladimir Putin ने कहा था कि अमेरिका की मौजूदा सरकार अमेरिकी डॉलर का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर इसकी भूमिका को घटा रही है। इस वजह से बहुत से देशों को अन्य एसेट्स का रुख करना पड़ रहा है।