मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin की ब्लॉकचेन को मेंटेन करने वाले कोडर्स इस लेकर मुश्किल में हैं कि उन्हें नेटवर्क में रुकावट का कारण बन रहे मीम टोकन्स को बाहर करना चाहिए या नहीं। बड़ी संख्या में सट्टेबाजी से जुड़े मीम टोकन्स की वजह से पिछले महीने ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस बहुत अधिक हो गई थी। इससे प्रोसेसिंग फीस में भी 11 गुना की बढ़ोतरी हुई थी।
Bloomberg की
रिपोर्ट के अनुसार, बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Binance को इस वजह से बिटकॉइन के विड्रॉल पर अस्थायी तौर पर रोक लगानी पड़ी थी। हालांकि, इस स्थिति में सुधार हुआ है। क्रिप्टो मार्केट के जानकारों का मानना है कि फ्रॉग के कार्टून से जुड़े Pepe जैसे मीम टोकन्स से नेटवर्क में दोबारा गड़बड़ी हो सकती है और इससे इस मार्केट की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी
बिटकॉइन की वैल्यू पर असर पड़ सकता है। इन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस मुश्किल से बचने के लिए सट्टेबाजी से जुड़ी मीम टोकन्स की ट्रांजैक्शंस को ब्लॉक करने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो एक तरह का स्पैम फिल्टर होता है।
बिटकॉइन कोडर्स में शामिल Ali Sherief ने कहा, "मुझे लगता है कि सिस्टम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। मीम टोकन्स के लिए बिटकॉइन का बेस लेयर के तौर पर इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। बिटकॉइन नेटवर्क के डिजिटल करेंसी के तौर पर सामान्य इस्तेमाल में इस तरह के बेकार टोकन्स रुकावट बन रहे हैं।" हालांकि, कुछ अन्य एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके लिए Ordinals कहे जाने वाले सॉफ्टवेयर इनोवेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे बिटकॉइन की ब्लॉकचेन बड़ी संख्या में मीम टोकन्स और नॉन-फंजिबल टोकन्स को सपोर्ट दे सकती है।
डिवेलपर Casey Rodarmor ने Ordinals को बनाया है। इससे यूजर्स को Satoshis पर वीडियो, इमेज और टेक्स्ट जैसे डिजिटल कंटेंट को रखने की सुविधा मिलती है। बिटकॉइन की Satoshis सबसे छोटी यूनिट होती है। एक बिटकॉइन में 10 करोड़ Satoshis होते हैं। पिछले कुछ महीनों में बिटकॉइन के प्राइस में भारी गिरावट आई है। इसका क्रिप्टो मार्केट पर भी बड़ा असर पड़ा है। बहुत से देशों में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रेगुलेशंस भी बनाए जा रहे हैं। इससे इस मार्केट में पारदर्शिता बढ़ने की संभावना है।