मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में सोमवार को 1.26 प्रतिशत की गिरावट थी। इसका प्राइस लगभग 42,458 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की ओर से इंटरेस्ट रेट्स में कटौती नहीं किए जाने से क्रिप्टो मार्केट के सेंटीमेंट पर असर पड़ा है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether का प्राइस 0.42 प्रतिशत घटकर लगभग 2,290 डॉलर पर था। इसके अलावा Tether, Solana, Ripple, Cardano, Polygon, Litecoin और Bitcoin Cash में नुकसान था। तेजी वाली क्रिप्टोकरेंसीज में Binance Coin, Chainlink, Tron, Polkadot, Elrond और Iota शामिल थे। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 0.53 प्रतिशत घटकर लगभग 1.64 लाख करोड़ डॉलर पर था।
CoinDCX की रिसर्च टीम ने Gadgets360 को बताया, "Ether का प्राइस महत्वपूर्ण मूविंग एवरेज से कम पर है। हालांकि, Dencun अपग्रेड और ETH स्पॉट ETF को स्वीकृति की संभावना से इसके लिए सेंटीमेंट पॉजिटिव है।" इस सेगमेंट को लेकर कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने चेतावनी भी दी है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इमर्जिंग मार्केट्स को खतरे की चेतावनी दोहराई थी। RBI का कहना था कि कुछ देशों में इस सेगमेंट को स्वीकृति मिलने के बावजूद उसकी पोजिशन में इसे लेकर कोई बदलाव नहीं हुआ है।
अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC के बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति देने से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में RBI के गवर्नर Shaktikanta Das ने कहा था, "क्रिप्टोकरेंसीज पर चाहे कोई कुछ भी करे लेकिन RBI और मेरी पोजिशन नहीं बदली है। इमर्जिंग मार्केट्स की इकोनॉमी के लिए यह एक बड़ा खतरा है और इस पर आगे जाकर नियंत्रण करना बहुत मुश्किल होगा।" उन्होंने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसीज के साथ कोई वैल्यू नहीं जोड़ी और इससे मैक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्थिरता को खतरा हो सकता है। RBI ने
क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में कुछ वर्ष पहले एक सर्कुलर जारी कर उसके रेगुलेशंस के तहत आने वाली एंटिटीज पर ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में डील करने को लेकर रोक लगाई थी। हालांकि, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने RBI का यह सर्कुलर खारिज कर दिया था। इस महीने की शुरुआत में पेश हुए बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के निवेदन किए थे। हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने इस सेगमेंट का जिक्र नहीं किया था। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स निराश हैं।