मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में गुरुवार को 1.75 प्रतिशत की तेजी थी। इसका प्राइस 73,118 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। पिछले दो दिन से इसने 73,000 डॉलर से ज्यादा का लेवल बरकरार रखा है। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि इसका प्राइस कुछ गिर सकता है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether में नेटवर्क अपग्रेड के बाद 0.7 प्रतिशत की गिरावट थी। इसका प्राइस लगभग 3,950 डॉलर पर था। बिटकॉइन से विपरीत, Ether अपने नवंबर 2021 में 4,891 डॉलर के हाई लेवल को नहीं तोड़ सका है। इसके Dencun अपग्रेड से Ethereum की सपोर्ट वाली लेयर 2 ब्लॉकचेन्स के लिए ट्रांजैक्शंस फीस में कमी होगी और सिक्योरिटी में सुधार होगा। इसके अलावा Ripple, Chainlink, Tron और Litecoin के प्राइसेज में कमी हुई है। क्रिप्टोकरेंसीज का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2.75 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने Gadgets360 को बताया, "बिटकॉइन में तेजी का बड़ा कारण स्पॉट ETF में 1.1 अरब डॉलर की फंडिंग आना है। हाल ही में 82.1 अरब डॉलर के बिटकॉइन खरीजने वाली MicroStrategy ने अतिरिक्त बिटकॉइन की खरीदारी के लिए लगभग 50 करोड़ डॉलर जुटाने की तैयारी की है। इससे इंस्टीट्यूशनल खरीदारी बढ़ने का संकेत मिल रहा है। बिटकॉइन के लिए अगला रेजिस्टेंस 74,000 डॉलर पर है।" क्रिप्टो फर्म Liminal के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, Dhruvil Shah ने कहा, "नए इनवेस्टर्स को बिटकॉइन को खरीदने से पहले रिस्क का आकलन कर लेना चाहिए।"
इस सेगमेंट को कुछ बड़े देशों के नेताओं के साथ ही इनवेस्टर्स से भी बढ़ावा मिल रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती हुई टेक्नोलॉजीज से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग पर जोर दिया था। अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC की ओर से
बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति मिलने के बाद से इनवेस्टर्स में उत्साह है। हालांकि, देश में क्रिप्टो सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। पिछले महीने पेश हुए बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री की ओर से केंद्र सरकार से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के निवेदन किए थे। हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने क्रिप्टोकरेंसीज का कोई जिक्र नहीं किया था। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स निराश हुए थे। कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर चेतावनी दी है।