मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में शुक्रवार को लगभग 1.13 प्रतिशत की गिरावट थी। इसका प्राइस लगभग 51,017 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। इसमें लगातार दूसरे दिन लॉस था। हालांकि, इसके बावजूद बिटकॉइन ने 51,000 डॉलर के लेवल को बरकरार रखा है। पिछले एक दिन में इसका प्राइस लगभग 375 डॉलर घटा है। मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि बिटकॉइन में यह गिरावट का दौर है और इससे अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज भी घट सकते हैं।
दूसरी सबसे बड़ी
क्रिप्टोकरेंसी Ether का प्राइस लगभग 1.54 प्रतिशत कम हुआ है। यह लगभग 2,799 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। पिछले एक दिन में इसके प्राइस में 42 डॉलर की गिरावट हुई है। इसके अलावा Tether, Solana, Ripple, USD Coin, Tron, Litecoin और Polkadot के प्राइस भी घटे हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 0.25 प्रतिशत घटकर 1.95 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX के मार्केट्स डेस्क ने Gadgets360 को बताया, "क्रिप्टो मार्केट में कुछ मंदी का संकेत मिल रहा है। फंडिंग के रेट्स तेजड़ियों के पक्ष में नहीं हैं। बिटकॉइन में गिरावट थी लेकिन यह रेंज में है।" क्रिप्टो ऐप CoinSwitch Ventures के इनवेस्टमेंट्स लीड, Parth Chaturvedi का कहना था, "क्रिप्टो एक्सचेंज FTX के दिवालिया होने के बाद BNB का प्राइस अपने हाई पर पहुंचा है। इसका कारण Binance को लेकर रेगुलेटरी आशंकाओं का घटना हो सकता है। Nvidia के चौथी तिमाही के नतीजे के दम पर AI टोकन्स में तेजी है।"
कुछ बड़े देशों के नेताओं के साथ ही इनवेस्टर्स से भी क्रिप्टो मार्केट को बढ़ावा मिल रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती हुई टेक्नोलॉजीज से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग पर जोर दिया था। पिछले महीने अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC की ओर से
बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति दी गई थी। देश में क्रिप्टो सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। इस महीने की शुरुआत में पेश हुए बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के निवेदन किए थे। हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने क्रिप्टोकरेंसीज का कोई जिक्र नहीं किया था। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स निराश हुए थे। केंद्र सरकार ने लगभग डेढ़ वर्ष पहले प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS लगाया था। इसके साथ ही क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर भी 30 प्रतिशत टैक्स लागू किया गया था। इससे क्रिप्टो की ट्रेडिंग एक्टिविटीज घटी हैं।