चंद्रयान-3 की कामयाबी भुला देगी 2019 का वो गम, इस बार 100% ‘भरोसा’ है ISRO को!

Chandrayaan 3 : साल 2019 में भारत का चंद्रयान-2 मिशन लैंडिंग के दौरान फेल हो गया था।

चंद्रयान-3 की कामयाबी भुला देगी 2019 का वो गम, इस बार 100% ‘भरोसा’ है ISRO को!

Photo Credit: ISRO

स्‍पेस एजेंसी ने चंद्रयान के एल्‍गोरिदम में बदलाव किया गया है। तय जगह पर लैंडिंग नहीं हो पाई, तो चंद्रयान-3 को दूसरी जगह उतारा जा सकता है।

ख़ास बातें
  • इसरो ने जताई चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की उम्‍मीद
  • मिशन को सफल बनाने के लिए किए गए जरूरी बदलाव
  • चंद्रयान-2 की विफलता को भुला सकता है चंद्रयान-3
विज्ञापन
भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के लॉन्‍च की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, मिशन से जुड़ी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने उम्‍मीद जताई है कि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होगा। ISRO के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्‍होंने बताया कि लॉन्‍च को 13 जुलाई के लिए सेट किया गया है, लेकिन यह 19 जुलाई तक पहुंच सकता है।  

चंद्रयान-3 मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ‘लॉन्च वीकल मार्क-III' से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। उससे पहले ‘रॉकेट लॉन्चपैड' एक और अनोखे ‘लॉन्च' का गवाह बनेगा। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रॉकेट की लॉन्चिंग से पहले वहां एक किताब का विमोचन होगा। यह किताब विज्ञान संबंधित लेखों का संग्रह है। 'प्रिज्म: द एन्सेस्ट्रल एबोड ऑफ रेनबो' पहली ऐसी बुक है, जिसे ‘रॉकेट लॉन्चपैड' से लॉन्‍च किया जाएगा। इसे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता एवं लेखक विनोद मनकारा ने लिखा है। 

बहरहाल, चंद्रयान-3 मिशन को अपने लक्ष्‍य तक पहुंचने में एक महीना लग सकता है। 23 अगस्‍त के आसपास यान, चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग करेगा। वही सबसे महत्‍वपूर्ण क्षण होगा, क्‍योंकि साल 2019 में भारत का चंद्रयान-2 मिशन लैंडिंग के दौरान फेल हो गया था। 

इस बार ऐसा ना हो, इसके लिए भी इसरो ने तैयारी की है। स्‍पेस एजेंसी ने चंद्रयान के एल्‍गोरिदम में बदलाव किया गया है। तय जगह पर लैंडिंग नहीं हो पाई, तो चंद्रयान-3 को दूसरी जगह उतारा जा सकता है। लैंडिंग के दौरान स्‍पीड को मापने के लिए यान में 'लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर' लगाया गया है।  

चंद्रयान-3 मिशन का मकसद चांद की सतह पर सेफ लैंडिंग की क्षमता का प्रदर्शन करना है। वहां चहलकदमी करके यह साबित करना है कि इसरो और भारत, चांद पर कोई भी मिशन भेजने में समक्ष हैं। चंद्रयान-3 मिशन में स्‍वेदशी लैंडर, प्रोपल्‍शन मॉड्यूल और रोवर शामिल हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Amazon Mega Music Fest Sale: हेडफोन से लेकर ईयरबड्स, स्पीकर, गिटार और स्पीकर पर बंपर डिस्काउंट
  2. OnePlus 13s के लिए गेमिंग एसेसरीज लॉन्च, फोन को ठंडा रखने के लिए 27W मैग्नेटिक कूलर भी आया, जानें कीमत
  3. Motorola Edge 60 जल्द भारत में होगा पेश, टीजर जारी, जानें डिजाइन और स्पेसिफिकेशंस
  4. Xiaomi 16 की बैटरी का खुलासा, Galaxy S26 Ultra और iPhone 17 Pro को देगा टक्कर
  5. 50MP कैमरा, 4700mAh बैटरी वाले इस Samsung फोन को मात्र 34 हजार में खरीदें
  6. Top Smartphones Under Rs 50,000: Motorola, Google, Realme, Oppo के 5 टॉप स्मार्टफोन!
  7. Mahindra की XEV 9e और BE 6 इलेक्ट्रिक SUVs को जोरदार रिस्पॉन्स, 10,000 यूनिट्स की डिलीवरी
  8. भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च कर सकती है Elon Musk की Starlink
  9. AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद इंजीनियर्स की हायरिंग जारी रखेगी Google
  10. Oppo की Reno 14 के लॉन्च की तैयारी, NBTC साइट पर हुई लिस्टिंग
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »