Chandrayaan 3 मिशन ने रफ्तार पकड़ ली है। लैंडर ‘विक्रम' (LM) और
प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर अपने काम में जुट गए हैं। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के 3 में से 3 उद्देश्य हासिल कर लिए गए हैं। तीसरे मकसद के तहत वहां वैज्ञानिक प्रयोग किए जा रहे हैं। स्पेस एजेंसी ने यह भी बताया कि चंद्रयान-3 मिशन के सभी पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।
ISRO ने प्रज्ञान रोवर का वीडियो भी शेयर किया है। वीडियो में रोवर को चांद की सतह पर चहलकदमी करते हुए देखा जा सकता है। गौरतलब है कि विक्रम लैंडर ने चांद पर जिस पॉइंट पर लैंडिंग की थी, उस जगह को शिवशक्ति पॉइंट के रूप में पहचाना जाएगा।
एक ट्विटर पोस्ट में इसरो ने लिखा कि चंद्रयान-3 मिशन के 3 उद्देश्यों में से, चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन पूरा हो गया है। चंद्रमा पर रोवर के घूमने का लक्ष्य भी हासिल कर लिया गया है। तीसरे उद्देश्य के तहत वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं। सभी पेलोड सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं।
वहीं, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग' की तारीख 23 अगस्त के दिन को अब राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा। जिस जगह पर लैंडर ‘विक्रम' उतरा, उस जगह को ‘शिवशक्ति' पॉइंट के रूप में जाना जएगा।
पीएम ने यह भी ऐलान किया था कि 2019 में चंद्रयान-2 ने जिस जगह पर अपने निशान छोड़े थे, उस जगह को अब ‘तिरंगा' पॉइंट के रूप में जाना जाएगा।
दक्षिणी ध्रुव पर चल सकता है बर्फ का पता
ग्लोबल स्पेस टेक्नॉलजी की एक्पर्ट और निवेशक कैंडेस जॉनसन ने कहा है कि चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर से यह पता चलने की उम्मीद है कि क्या चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ है। सीआईआई द्वारा आयोजित बी-20 सम्मेलन में जॉनसन ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष मिशन सिर्फ उसके युवाओं को नहीं बल्कि दुनियाभर के युवाओं को प्रेरित कर रहा है। जॉनसन ने कहा, हम उम्मीद कर रहे हैं कि कल जो तस्वीरें जारी की जाएंगी, वे यह बताने लगेंगी कि क्या दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ मौजूद है और क्या उस बर्फ का उपयोग पानी, ऑक्सीजन या ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है। जॉनसन, सैटेलाइट कंपनी एसईएस की को-फाउंडर हैं। इस कंपनी ने भारत में सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेवाएं प्रदान करने के लिए जियो के साथ साझेदारी की है।