Chandrayaan-3 मिशन का पूरा दारोमदार अब लैंडर विक्रम (LM) और
प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) के ‘कंधों' पर है। शुक्रवार दोपहर भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने रोवर ‘प्रज्ञान' के लैंडर ‘विक्रम' से बाहर निकलने और इसके चंद्रमा की सतह पर चलने का एक शानदार वीडियो रिलीज किया। उस वीडियो के बाद अब से कुछ देर पहले एक और वीडियो आया है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे दो सेगमेंट वाले रैंप ने रोवर के रोल-डाउन की सुविधा प्रदान की और एक सौर पैनल ने रोवर को बिजली पैदा करने में सक्षम बनाया।
इसरो का
लेटेस्ट वीडियो (ISRO Latest Video) बताता है कि प्रज्ञान रोवर के रोलडाउन से पहले रैंप और सौर पैनल की तैनाती कैसे तेजी के साथ की गई।
उससे पहले शुक्रवार की दोपहर एक वीडियो इसरो ने रिलीज किया। वीडियो को लैंडर के इमेजर कैमरे ने कैप्चर किया था। वीडियो के बारे में इसरो ने ट्वीट में लिखा ‘... और चंद्रयान-3 का रोवर, लैंडर से निकलकर इस तरह चंद्रमा की सतह पर चला।''
बुधवार 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करके इसरो ने इतिहास रच दिया था। विक्रम लैंडर की चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' के बाद उसकी तस्वीर भी रिलीज की गई थी। उस तस्वीर को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने क्लिक किया था। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर हाई-रेजोल्यूशन कैमरा (ओएचआरसी) चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे तमाम ऑर्बिटरों के कैमरों में सबसे बेस्ट है। इसे साल 2019 में लॉन्च किया गया था।
अब 14 पृथ्वी दिनों तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चंद्रमा पर अपना मिशन पूरा करेंगे। दोनों चांद के दक्षिणी ध्रुव के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाकर उसे इसरो तक पहुंचाएंगे। भारत दुनिया का पहला देश है, जिसने चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग की है। जो भी जानकारी चंद्रयान-3 मिशन से हासिल होगी, वह सबसे पहले भारत को मिलेगी।