केंद्र सरकार ने लेंडिंग ऐप्स पर लगाम कसते हुए PayU के LazyPay सहित कई ऐप्स पर बैन लगा दिया है। इस सप्ताह की शुरुआत में सरकार ने बहुत से लेंडिंग ऐप्स पर बैन लगाया था। इनमें कुछ भारतीय फर्मों के ऐप्स भी थे। ब्लॉक किए गए ऐप्स में Fintech Kissht, Faircent और Indiabulls Home Loans शामिल हैं।
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से नोटिस के बाद इन ऐप्स के साथ ही इनकी वेबसाइट्स को भी हटा दिया गया है। इस बारे में LazyPay के प्रवक्ता ने एक स्टेटमेंट में
बताया, "अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण हमारी वेबसाइट और ऐप कुछ इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के जरिए उपलब्ध नहीं है। हम इस समस्या के समाधान के लिए प्रत्येक कोशिश कर रहे हैं।" पिछले महीने सरकार ने संसद में बताया था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी कर गैर अधिकृत डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स और मोबाइल ऐप्स पर नियंत्रण करने के लिए कहा है।
इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्र सरकार ने
चीन से जुड़े 138 बेटिंग और 94 लेंडिंग ऐप्स को बैन करने का ऑर्डर दिया था। यह कार्रवाई इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने लगभग छह महीने पहले बहुत से चाइनीज ऐप्स की स्क्रूटनी शुरू की थी। इसमें पता चला था कि इन ऐप्स के पास देश के लोगों का व्यक्तिगत जानकारी है।
इन ऐप्स के खिलाफ अवैध वसूली और लोगों के उत्पीड़न की कई शिकायतें मिली थी। ये ऐप्स लोगों को कम रकम के लोन देकर उस पर भारी ब्याज वसूलते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन ऐप्स के पीछे चीन के नागरिक हैं जो भारत के लोगों को इसमें डायरेक्टर बनाकर अपना ये अवैध कारोबार चलाते हैं। इन ऐप्स से लोन लेने के बाद जब लोगों को उस पर ब्याज चुकाने में परेशानी होती है तो लोगों का उनकी व्यक्तिगत जानकारी को लीक करने जैसी धमकियों से उत्पीड़न किया जाता है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुछ लोगों के इन ऐप्स से लोन लेने या बेटिंग ऐप्स पर रकम हारने के बाद आत्महत्या करने के मामले सामने आने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा जैसे राज्यों ने होम मिनिस्ट्री से इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने का निवेदन किया था। पिछले वर्ष सरकार ने Google को गैर कानूनी लेंडिंग ऐप्स का इस्तेमाल रोकने के लिए कड़े नियम लागू करने के लिए कहा था।