AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब आम जिंदगी में शामिल होता जा रहा है। यह लोगों से अलग-अलग रूपों में आमने-सामने रू-ब-रू हो रहा है। नॉर्थ-ईस्ट को उसकी पहली एआई टीचर (North east AI teacher) मिल गई है। असम के एक प्राइवेट स्कूल में एआई टीचर ने स्टूडेंट्स के सभी सवालों के जवाब दिए। पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, पारंपरिक ‘मेखला चादर' और जूलरी से सजी असम की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टीचर का नाम ‘आइरिस' (Iris) है।
रिपोर्ट के अनुसार, एआई टीचर आईरिस से जब पूछा गया कि हीमोग्लोबिन क्या होता है, तो उसने स्टूडेंट्स को पूरी डिटेल के साथ जवाब दिया। एआई टीचर असम के रॉयल ग्लोबल स्कूल में तैनात की गई है। स्कूल की स्पोक्सपर्सन ने बताया कि एआई टीचर ने सिलेबस से जुड़े सवालों के साथ हर एक सब्जेक्ट पर उदाहरणों और संदर्भों सहित फौरन जवाब दिए।
उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स भी एआई रोबोट से सवालों के जवाब जानने के लिए उत्सुक थे। बच्चों ने रोबोट से हाथ भी मिलाया। रोबोट ने जिस तरह से सवालों के जवाब दिए, पूरी प्रक्रिया काफी इंटरेस्टिंग रही। रॉयल ग्लोबल स्कूल की एक टीचर का कहना था कि बच्चे इसलिए भी उत्साहित हैं क्योंकि एआई टीचर के पास उनके हरेक सवाल का जवाब है।
‘आइरिस' नाम के रोबोट को नीति आयोग द्वारा शुरू की गई अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) प्रोजेक्ट के तहत मेकरलैब्स एडु-टेक के सहयोग से डेवलप किया गया है। स्कूल टीचर ने कहा कि एजुकेशन के फील्ड में एआई के इंटीग्रेशन में आइरिस महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। स्कूल का कहना है कि वह इस रोबोट की क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए तत्पर है।
‘आइरिस' ने नॉर्थ-ईस्ट की पहली टीचर बनकर जो रिकॉर्ड बनाया है, उससे बाकी स्कूलों को भी प्रेरणा मिली होगी। मुमकिन है कि आने वाले दिनों में स्कूल लेवल पर ऐसे और भी रोबोट देखने को मिलें।