दुनिया की इस सबसे बड़ी EV मेकर ने एक करोड़ न्यू एनर्जी व्हीकल्स (NEV) की मैन्युफैक्चरिंग की है। इनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के साथ ही हाइब्रिड कारें भी शामिल हैं। हाल ही में टेस्ला को पीछे छोड़कर BYD सबसे बड़ी EV मेकर बनी थी। BYD की शुरुआत को 30 वर्ष हो गए हैं। इसने 50 लाख NEV की मैन्युफैक्चरिंग लगभग 15 वर्षों में की है। इस कंपनी की शुरुआत एक रिचार्जेबल बैटरी मेकर के तौर पर हुई थी।
दूसरी तिमाही में अमेरिका के मार्केट में Hyundai, General Motors और Ford की हिस्सेदारी बढ़ी है। पिछले वर्ष टेस्ला की मॉडल Y दुनिया में सबसे अधिक बिकने वाली कार रही है
टाटा मोटर्स के EV कस्टमर्स Tata Power के EV चार्जर्स के साथ ही थर्ड-पार्टी EV चार्जिंग नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। टाटा पावर के पास 8,000 से अधिक EV चार्जिंग स्टेशंस हैं
टाटा मोटर्स की की मार्च में सेल्स 14 प्रतिशत बढ़ी है। कंपनी ने भारत और इंटरनेशनल मार्केट्स में 50,937 यूनिट्स बेची हैं। इसका बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) और CNG व्हीकल्स से मिला है
पिछले महीने Tata Motors ने EV के प्राइस घटाए थे। कंपनी ने इनके प्राइसेज में 1.20 लाख रुपये तक कटौती की थी। देश में कारों की कुल सेल्स में EV की हिस्सेदारी लगभग दो प्रतिशत की है
BYD Seal की 31 मार्च तक बुकिंग कराने वाले कस्टमर्स को कुछ बेनेफिट्स दिए जाएंगे। इनमें 7 kW का चार्जर और इंस्टॉलेशन सर्विस, 3 kW का पोर्टेबल चार्जिंग बॉक्स, छह वर्ष की रोड साइड असिस्टेंस और एक इंस्पेक्शन सर्विस शामिल हैं
चीन में यह आंकड़ा (प्लग-इन हाइब्रिड को मिलाकर) सात लाख यूनिट्स से अधिक का था। यह पिछले वर्ष नवंबर की तुलना में 37 प्रतिशत की गिरावट है। हालांकि. वर्ष-दर-वर्ष आधार पर इसमें लगभग 79 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है
टेस्ला की फैक्टरी गुजरात के साणंद में लगाई जा सकती है। देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki और Tata Motors के भी साणंद में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं
भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए अपने पहले प्रोडक्शन हब के तौर पर चुनने के पीछे देश के मार्केट में बड़ी संभावना और कम मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट जैसे बड़े कारण हैं