Jaguar Land Rover (JLR) ने भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने की योजना को रोक दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी को लोकल कंपोनेंट्स से सही प्राइस-क्वालिटी बैलेंस नहीं मिल पाया, जिसके चलते यह फैसला लिया गया। यह कदम ऐसे समय में आया है जब Tesla जैसी कंपनियां भारतीय EV मार्केट में एंट्री की तैयारी कर रही हैं और चीनी ब्रांड्स से प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है। JLR की EVs को Electrified Modular Architecture (EMA) प्लेटफॉर्म पर बनाया जाना था, जिसे Tata की अपकमिंग Avinya EVs के लिए भी इस्तेमाल किया जाना था। अब जब JLR ने इस प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्शन रोक दिया है, तो Tata Motors को भी अपने प्रीमियम EVs की योजना पर दोबारा विचार करना होगा।
JLR ने पिछले साल घोषणा की थी कि वह Tata Motors के तमिलनाडु में बनने वाले प्लांट में EVs का प्रोडक्शन करेगी। इस फैसले के तहत हर साल 70,000 EVs बनाने की योजना थी, जिनमें भारत के साथ एक्सपोर्ट मार्केट भी शामिल था। हालांकि, अब रॉयटर्स की
रिपोर्ट बताती है कि JLR ने पिछले दो महीने से इस प्रोजेक्ट पर काम रोक दिया है। कंपनी अब भारत में EVs असेंबल करने या लोकली बनाने के बजाय ब्रिटेन, यूरोप और चीन में ही प्रोडक्शन जारी रखेगी।
JLR के फैसले का असर Tata Motors की अपकमिंग Avinya EVs पर भी पड़ सकता है। इन इलेक्ट्रिक गाड़ियों को उसी Electrified Modular Architecture (EMA) प्लेटफॉर्म पर बनाया जाना था, जिसे JLR अपनी EVs के लिए इस्तेमाल करने वाली थी। अब जब JLR ने इस प्लेटफॉर्म पर काम रोक दिया है, तो Tata को भी अपनी प्रीमियम EVs की रणनीति पर दोबारा काम करना पड़ सकता है। तमिलनाडु प्लांट में Tata इस साल सितंबर से 25,000 Avinya EVs के प्रोडक्शन की योजना बना रहा था, लेकिन अब इसमें संभावित देरी की आशंका है।
रिपोर्ट आगे बताती है कि JLR ने नवंबर में मुंबई में लोकल सप्लायर्स के साथ एक मीटिंग की थी, जिसमें भारत में EV पार्ट्स की सोर्सिंग को लेकर चर्चा हुई। हालांकि, बाद में इन डील्स को होल्ड पर डाल दिया गया। इसके पीछे कई कारण माने जा रहे हैं, जिनमें लोकल कंपोनेंट्स की लागत और क्वालिटी में संतुलन न बन पाना, हाइब्रिड कारों की बढ़ती मांग और सरकार की EV टारगेट्स में ढील और चीनी EV ब्रांड्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा।
JLR फिलहाल पुणे में Tata Motors के प्लांट में कुछ मॉडल्स की असेंबलिंग करता है, लेकिन पूरी तरह से मैन्युफैक्चरिंग के लिए भारत को फिलहाल इंतजार करना होगा। वहीं, Tata Motors अब अपने EV प्लान को नए सिरे से डिजाइन कर सकती है।