अंतरिक्ष के क्षेत्र में रविवार को इतिहास रचा गया। एलन मस्क की स्पेस कंपनी स्पेसएक्स ने दुनिया के सबसे भारी रॉकेट स्टारशिप का पांचवीं बार परीक्षण किया। स्पेसएक्स को बड़ी कामयाबी मिली, क्योंकि रॉकेट का बूस्टर लॉन्च साइट पर वापस लौट आया। वहीं, अपर स्टेज भी तय समय पर स्पैलशडाउन के लिए हिंद महासागर में पहुंच गया। यह भविष्य में इंसान को मंगल ग्रह (Mars) तक ले जाने का रास्ता पुख्ता करेगा।
नासा ने साल 2022 में DART (डबल एस्टरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट) मिशन को टेस्ट किया था। एक स्पेसक्राफ्ट को डिमोर्फोस एस्टरॉयड से टकराया था। शुरुआती नतीजे उत्साहजनक रहे थे और नासा ने कन्फर्म किया था कि टक्कर के कारण एस्टरॉयड के पथ में बदलाव हुआ। नासा अपने मकसद में कितना कामयाब रही, यह पता लगाने के लिए SpaceX हेरा स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने जा रही है। यह साल 2026 में डिमोर्फोस तक पहुंचकर उसे हुए इम्पैक्ट का आकलन करेगा।
SpaceX Satellites Launch : स्पेसएक्स ने 22 स्टारलिंक सैटेलाइट्स का नया बैच लॉन्च कर दिया है। फाल्कन-9 रॉकेट की मदद से कैलिफोर्निया के वेंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से इन सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में पहुंचाया गया।
चीनी वैज्ञानिक एक विशाल विद्युत चुंबकीय लॉन्च ट्रैक पर काम कर रहे हैं। इसकी मदद से बोइंग 737 से भी लंबे 50 टन के विशाल स्पेसप्लेन को लॉन्च करने की कोशिश की जाएगी।
Starlink Launch : दोपहर करीब 1 बजे कंपनी ने 56 स्टारलिंक सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में रवाना किया। इन्हें फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से कक्षा में पहुंचाया गया।
5G satellite : स्पेसएक्स ने कथित तौर पर एक ऐसा सैटेलाइट लॉन्च किया है, जो 5G सेल्युलर स्टैंडर्ड पर काम करने वाला लो-अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में पहला उपग्रह है।