Space Science

Space Science - ख़बरें

  • ISRO बनाएगी मून स्‍पेस स्‍टेशन! चांद का लगाएगा चक्‍कर, मंगल जाने वाले एस्‍ट्रोनॉट्स उसमें रुक पाएंगे!
    भारत की स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) एक ऐसे अंतरिक्ष स्‍टेशन की योजना बना रही है, जो चंद्रमा की परिक्रमा करेगा। इसके अलावा, इसरो की योजना नासा और अन्‍य अंतरिक्ष एजेंसियों की तरह चांद पर लंबे समय तक रुकने वाला सेटअप तैयार करना है। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से उत्‍साहित इसरो चांद पर अपने एस्‍ट्रोनॉट्स भी भेजना चााहती है। कहा जाता है कि पूरी योजना को तीन हिस्‍सों में बांटा गया है, जिसे एक के बाद एक पूरा किया जाएगा।
  • अंतरिक्ष घूमकर आए आलू, मटर, मक्‍का अब पृथ्‍वी पर रोपे जाएंगे, क्‍या है पूरा मामला? जानें
    अंतरिक्ष में कई महीनों तक रखने के बाद वैज्ञानिकों ने कई प्रकार के बीजों (Seeds) को पृथ्‍वी पर भेज दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वसंत की शुरुआत में बीजों को पृथ्‍वी पर रोपा जाएगा। यह कल्‍चरल एंड स्‍टेम स्‍टडी का हिस्‍सा है। स्‍टेम का पूरा नाम साइंस, टेक्‍नॉलजी, इंजीनियरिंग एंड मैथ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल नवंबर में पांच किस्‍म के बीज- स्‍वीट पोटैटो, मटर, मक्‍का और लैम्ब्सक्वार्टर को इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर भेजा गया था।
  • Hypersonic Missile: भारत ने दुनिया को दिखाई ताकत! लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल टेस्ट, देखें वीडियो
    भारत ने अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। DRDO ने शनिवार को ओडिशा तट पर स्थित अब्दुल कलाम आईलैंड से इस मिसाइल का सफल टेस्ट किया। यह मिसाइल लंबी दूरी तक हमला कर सकती है। परीक्षण देश के रक्षा ढांचे को और अधिक मजबूती देगा। हाइपरसोनिक मिसाइल को हैदराबाद के डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कंपलेक्स लैबोरेट्री और DRDO से जुड़े अन्य साझेदारों के साथ मिलकर डेवलप किया गया है।
  • भारत का गगनयान मिशन 2026 तक टला, सेफ्टी और एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग पर ISRO का फोकस
    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख, S Somanath ने गगनयान मिशन को एक वर्ष के लिए टालने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में देश के एस्ट्रोनॉट मिशन से पहले बिना क्रू वाली कई टेस्ट फ्लाइट की जाएंगी। हाल ही में एयरोस्पेस इंडस्ट्री को लगे कुछ झटकों की वजह से गगनयान मिशन की तैयारी को लेकर ISRO पूरी सतर्कता बरत रहा है।
  • Video : अंतरिक्ष से धरती पर पहुंचे 3 चीनी एस्‍ट्रोनॉट, रात के वक्‍त की लैंडिंग, देखें वीडियो
    स्‍पेस में 6 महीने से भी ज्‍यादा समय तक रहने के बाद चीन का शेनझोउ 18 क्रू (Shenzhou 18 crew) पृथ्‍वी पर लौट आया है। तीन अंतरिक्ष यात्री- ये गुआंगफू, ली कांग और ली गुआंगसू पृथ्‍वी पर लौट आए हैं और उन्‍होंने अपने देश में लैंड किया। ये सभी 25 अप्रैल से अंतरिक्ष में थे और तियांगोंग स्‍पेस स्टेशन पर रह रहे थे। इन्‍होंने उत्तरी चीन के डोंगफेंग लैंडिंग साइट पर कदम रखे।
  • चीन ने 34 साल के दो युवा एस्‍ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा, 6 महीने बाद लौटेंगे
    चीन का शेनझोउ 19 मिशन लॉन्‍च हो गया है। दुनियाभर में इसकी चर्चा हो रही है, क्‍योंकि ड्रैगन ने 34 साल के दो युवाओं को अंतरिक्ष में भेजा है। उनके नाम सांग लिंगडॉन्‍ग और वांग होजे हैं। सांग की जन्‍म अगस्‍त 1990 में हुआ था, जबकि वांग मार्च 1990 में जन्‍मी थीं। दोनों महज 34 साल के हैं। सांग लिंगडॉन्‍ग चीन की ओर से भेजे जाने वाले सबसे कम उम्र के एस्‍ट्रोनॉट बन गए हैं।
  • 232 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद धरती पर लौटे 4 अंतरिक्ष यात्री, देखें Video
    इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) में कई दिनों तक रुकने के बाद चार अंतरिक्ष यात्री सकुशल पृथ्‍वी पर लौट आए हैं। क्रू8 (Crew-8) के एस्‍ट्रोनॉट्स- मैथ्यू डोमिनिक, माइकल बैरेट, जीनेट एप्स और अलेक्जेंडर ग्रेबेनकिन ने शुक्रवार को फ्लोरिडा के पेंसाकोला के तट से दूर मैक्सिको की खाड़ी में लैंड किया। ये अंतरिक्ष यात्री 232 दिनों तक स्‍पेस में रुके। उन्‍हें दो हफ्तों से ज्‍यादा वक्‍त तक इंतजार करना पड़ा, क्‍योंकि मौसम साथ नहीं दे रहा था।
  • अंतरिक्ष घूमने के लिए 17.7 करोड़ रुपये का एक टिकट, चीनी कंपनी कर रही बुकिंग
    दुनियाभर की प्राइवेट स्‍पेस कंपनियां आने वाले वर्षों में लोगों को अंतरिक्ष की सैर कराना चाहती हैं। शुरुआत में सिर्फ वही लोग स्‍पेस में जा सकेंगे, जिनके पास अकूत दौलत है। चीनी स्‍टार्टअप डीप ब्‍लू एयरोस्‍पेस (Deep Blue Aerospace) का कहना है कि उसके पास एक रॉकेट के पहले दो टिकट हैं। यह रॉकेट अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर साल 2027 में उड़ान भरेगा। टिकटों के लिए कंपनी 1.5 मिलियन युआन (लगभग 17.7 करोड़ रुपये) चार्ज कर रही है।
  • Haven-1 Space Station: अंतरिक्ष में होगा लग्जरी होटल जैसा स्पेस स्टेशन! जिम, प्राइवेट रूम भी होंगे, देखें वीडियो
    VAST एयरोस्पेस कंपनी जल्द ही अपना कमर्शियल और आलीशान स्पेस स्टेशन Haven-1 बनाने की तैयारी में है। इसमें भीतर ही फिटनेस सिस्टम यानी जिम भी होगा। इसके साथ ही एंटरटेनमेंट सिस्टम से लैस प्राइवेट रूम भी बनाए जाएंगे। स्पेस स्टेशन की लंबाई 10.1 मीटर और चौड़ाई 3.8 मीटर होगी। स्पेस स्टेशन में एक डेक बनाया जाएगा जिसमें खिड़की से पृथ्वी का शानदार नजारा देखा जा सकेगा।
  • धरती से 400km ऊपर वैज्ञानिकों ने लगाए 4K कैमरा, रिकॉर्ड हुआ ‘महातूफान’ Milton का नजारा
    इस साल की शुरुआत में इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर एक कार्गो के जरिए स्पेसटीवी-1 नाम का पेलोड भेजा गया था। यह पेलोड, स्‍पेस वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनी सेन (Sen) का था, जिसमें 4K कैमरों का एक सेट था। उसे आईएसएस के बाहरी हिस्‍से में लगाया जाना था। कैमरों को स्‍टेशन पर सेट किया जा चुका है और इन्‍होंने पृथ्‍वी के कुछ हैरान करने वाले दृश्‍य कैप्‍चर किए हैं, जिनमें मिल्टन तूफान का दृश्‍य प्रमुख है।
  • धरती से 400km ऊपर ‘स्‍पेस स्‍टेशन’ से लीक हो रही हवा, टेंशन में Nasa!
    धरती से 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्‍वी का चक्‍कर लगा रहे इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) से हवा का लीक होना लगातार जारी है। साल 2019 में सबसे पहले लीकेज का पता चला था। नासा की एक हालिया रिपोर्ट में लीकेज को लेकर फ‍िर से चिंता जताई गई है। कहा गया है कि अप्रैल 2024 में यह लीकेज रोजाना 1.7 किलोग्राम तक पहुंच गया। नासा रिपेयर वर्क से नासा संतुष्‍ट दिख रही है, पर इसका स्‍थायी समाधान चाहती है।
  • Nasa दे रही Rs 25 करोड़ जीतने का मौका! पूरा करना होगा यह चैलेंज, जानें
    नासा ने लूनारिसाइकल चैलेंज का ऐलान किया है, जिसे जीतने वाले को 3 मिलियन डॉलर का प्राइज दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्यूचर में जब एस्‍ट्रोनॉट्स लंबे समय के लिए चंद्रमा पर रहेंगे, तब कई तरह का कचरा वहां होगा जैसे- फूड पैकेजिंग का वेस्‍ट, एस्‍ट्रोनॉट्स के बेकार कपड़े, साइंस एक्‍सपेरिमेंट से जुड़े मटीरियल्‍स आदि। इससे निपटने के लिए ऐसी तकनीक चाहिए जो ज्‍यादा बिजली ना खर्च करे और यूज में हल्‍की हो।
  • सुनीता विलियम्‍स को लाने अंतरिक्ष में पहुंचा ‘फ्रीडम’, कब तक होगी वापसी? जानें
    अंतरिक्ष में ‘फंसी’ भारतीय मूल की एस्‍ट्रोनॉट सुनीता विलियम्‍स जिस स्‍पेसक्राफ्ट से वापस लौटेंगी, वह इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर पहुंच गया है। स्‍पेसएक्‍स के क्रू-9 मिशन ने आईएसएस पर डॉक किया है। क्रू-9 के ड्रैगन कैप्‍सूल का नाम फ्रीडम है। दो अंतरिक्ष यात्री स्‍पेस स्‍टेशन पहुंचे हैं। जब ये वापस लौटेंगे तो कुल यात्रियों की संख्‍या 4 होगी, जिसमें सुनीता विल‍ियम्‍स और उनके साथी बुच विल्‍मोर भी होंगे। वापसी अगले साल फरवरी में हो सकती है।
  • NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने संभाली इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की कमान
    यह दूसरी बार है कि जब विलियम्स ने ISS की कमान संभाली है। इससे पहले वह 2012 में भी एक मिशन की अगुवाई कर चुकी हैं। जून में विलियम्स और उनके साथी एस्ट्रोनॉट Butch Wilmore केवल आठ दिन के मिशन पर Boeing के Starliner स्पेसक्राफ्ट के जरिए ISS पर पहुंचे थे।हालांकि, स्टारलाइन में तकनीकी समस्या के कारण विलियम्स और विल्मोर की वापसी अगले वर्ष फरवरी तक टल गई है।
  • चंद्रयान 3 की सफलता के बाद चंद्रयान-4 के लिए ISRO को सरकार से मिली हरी झंडी
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नए मून मिशन को स्वीकृति दी है। इस मिशन में चंद्रमा पर एक भारतीय की लैंडिंग और धरती पर सुरक्षित वापसी के लिए जरूरी तकनीकी क्षमताओं का आकलन किया जाएगा। इस मिशन में चंद्रमा से सैम्प्ल एकत्र कर उसका विश्लेषण किया जाएगा। यह दुनिया का पहला ऐसा स्पेस मिशन होगा, जिसे दो भागों में लॉन्च किया जाएगा।

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