Research News

Research News - ख़बरें

  • 10 दिन बिस्तर पर लेटे रहने के मिलेंगे 4.75 लाख रुपये! यह कंपनी दे रही मौका
    यूरोप की स्पेस एजेंसी 10 दिनों के एक्सपेरिमेंट के लिए भागीदारों को 4.75 लाख रुपये देने का दावा कर रही है। भागीदारों से कोई काम नहीं करवाया जाएगा बल्कि उन्हें बस एक खास तरह के बिस्तर के अंदर लेटे रहना होगा। कंपनी अपने विवाल्डी (Vivaldi) एक्सपेरिमेंट का तीसरा और आखिरी कंपैन आयोजित करने जा रही है। यह फ्रांस के टूलूस के मेडेस स्पेस क्लिनिक में होगा।
  • वैज्ञानिकों का काम खत्‍म! AI भी कर सकता है सौर तूफान की भविष्‍यवाणी
    एक नई स्‍टडी में कहा गया है कि AI, पिछले साल मई में पृथ्वी पर आए शक्तिशाली सौर तूफान (solar storm) की भविष्यवाणी कर सकता था। वह तूफान सूर्य पर एक्टिव AR13664 नाम के सनस्‍पॉट से निकला था। जेनोआ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का मानना है कि ऐतिहासिक सौर घटनाओं पर एआई को ट्रेनिंग दी जाए तो वह कोरोनल मास इजेक्शन (CME) से पहले के पैटर्नों की पहचान कर सकता है।
  • पृथ्‍वी से 1.5 लाख किलोमीटर दूर से आई चिड़‍ियों के ‘चहचहाने’ जैसी आवाज! जानें पूरा मामला
    वैज्ञानिक वर्षों से ऐसी चहकती (chirping) तरंगों के बारे में जानते हैं, जो खतरनाक रेडिएशन से जुड़ी हैं। ये तरंगें इंसानों और सैटेलाइट्स दोनों को प्रभावित कर सकती हैं। अब खगोलविदों की एक इंटरनेशनल टीम ने अंतरिक्ष के एक नए क्षेत्र में इन तरंगों का पता लगाया है। इससे सवाल पैदा हुआ है कि आखिर इन तरंगों की उत्‍पत्‍त‍ि कहां से होती है। ये तरंगें अंतरिक्ष में मौजूद सबसे पावरफुल नेचुरल इलेक्‍ट्रोमैग्‍नेटिक रेडिएशन में से एक हैं।
  • क्‍या हमारी दुनिया से पहले भी पृथ्‍वी पर कोई दुनिया थी जो डूब गई? वैज्ञानिकों को मिला सबूत
    जियोफ‍िजिसिस्‍ट की एक टीम ने पृथ्वी के आंतरिक भाग को लेकर नई जानकारी जुटाई है। वैज्ञानिकों ने अंतरिक भाग की ट्रेडिशनल प्‍लेट बाउंड्री से दूर डूबी हुई टेक्टोनिक प्लेटों के अवशेषों का पता लगाया है। यह रिसर्च ETH ज्यूरिख और कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी की एक टीम ने की है। उन्‍होंने पृथ्‍वी के नीचे ऐसे टेक्टोनिक प्लेटों जैसे क्षेत्र का पता लगाया है, जो महासागरों के नीचे हैं।
  • पानी ‘छुपाकर’ बैठा है यूरेनस का चंद्रमा मिरांडा! वैज्ञानिकों ने कर दी बड़ी खोज
    वैज्ञानिकों ने माना है कि यूरेनस के चंद्रमा मिरांडा की बर्फीली सतह के नीचे कोई महासागर छिपा हो सकता है। रिसर्चर्स ने वॉयजर 2 स्‍पेसक्राफ्ट से ली गई इमेजेस पर स्‍टडी के बाद यह सुझाव दिया है। खास यह है कि वॉयजर 2 स्‍पेसक्राफ्ट साल 1986 में मिरांडा के पास से गुजरा था। तब उसने इसके दक्षिणी गोलार्ध की तस्वीरें ली थीं।
  • अंतरिक्ष से पानी में लैंड करेंगे भारतीय एस्‍ट्रोनॉट तो क्‍या होगा? इसरो ने की टेस्टिंग, देखें फोटोज
    भारत अपने गगनयान मिशन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है। बीते सप्‍ताह एक नकली गगनयान क्रू मॉड्यूल को पानी में डालकर उसे उठाया गया। यह एक प्रकार की एक्‍सरसाइज थी यह देखने के लिए कि जब एस्‍ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष से पानी में लैंड करेंगे, तब किस प्रकार की तैयारियां चाहिए होंगी। इसरो ने इंडियन नेवी के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के तट पर बंगाल की खाड़ी में यह एक्‍सरसाइज की।
  • चीनी रोवर ने मंगल ग्रह पर खोजे 3.42 अरब साल पुराने महासागर के सबूत
    कई शोधों में इस बात की तस्‍दीक हुई है कि मंगल ग्रह पर कभी महासागर हुआ करता था। नासा समेत यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने इसके सबूत खोजे हैं। अब चीन के झुरोंग रोवर की मदद से वैज्ञानिकों ने नए सबूत जुटाए हैं। इनसे पता चलता है कि अरबों साल पहले मंगल ग्रह पर महासागर था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, झुरोंग रोवर 2021 में मंगल के उत्तरी निचले इलाकों में उतरा था। उसके स्‍पेसक्राफ्ट ने ग्रह की परिक्रमा की थी।
  • क्‍या है ToxicPanda? 1500 एंड्रॉयड स्‍मार्टफोन्‍स में मिला, 16 बैंकों को किया टार्गेट
    टॉक्सिकपांडा (ToxicPanda) नाम का एक संभावित बैंकिंग ट्रोजन अपने डेवलपमेंट के शुरुआती स्‍टेज में है। यूरोप और लैटिन अमेरिका के रिसर्चर्स ने इसका पता लगाया है। टॉक्सिकपांडा की मदद से हैक किए गए स्‍मार्टफोन्‍स पर मौजूद अकाउंट्स को रिमोट यानी दूर से कंट्रोल किया जाता है। टॉक्सिकपांडा को कथित तौर पर 1,500 से ज्‍यादा डिवाइसेज में पाया गया था। हमलावरों ने 16 बैंकिंग संस्थानों के यूजर्स को टार्गेट किया था।
  • स्‍मार्टफोन्‍स शिपमेंट में इस ब्रैंड ने झंडे गाड़े, Vivo, Xiaomi, Oppo भी रह गए पीछे
    भारत में स्मार्टफोन शिपमेंट में साल-दर-साल (YoY) 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। काउंटरपॉइंट की एक नई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। 2024 में जुलाई से सितंबर के बीच यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 23 फीसदी मार्केट शेयर के के साथ स्मार्टफोन मार्केट में सैमसंग (Samsung) टॉप पोजिशन पर है। दूसरे नंबर पर ऐपल (Apple) और तीसरे पर वीवो (Vivo) रही।
  • नकली नोट नहीं बना पाएंगे जालसाज! वैज्ञानिकों ने बनाई अनोखी स्‍याही
    भारतीय रिसर्चर्स ने चमकदार नैनो मटीरियल की मदद से एडवांस्‍ड सिक्‍योरिटी फीचर्स वाली एक अनोखी स्याही यानी इंक डेवलप की है। यह इंक करेंसी, डॉक्‍युमेंट्स, ब्रांडेड आइटम्‍स और दवाइयों की जालसाजी को रोकने में मददगार हो सकती है। नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) ने यह खोज की है। इसे नकल-प्रूफ विभिन्न चीजों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इनमें करेंसी, डॉक्‍युमेंट्स, दवाईयां और ब्रांडेड प्रोडक्‍ट शामिल हैं।
  • ब्रह्मांड के ‘रेगिस्‍तान’ में भारतीय वैज्ञानिकों को मिला दूसरा ‘शनि’ ग्रह! जानें पूरा मामला
    दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियों को लगता है कि पृथ्‍वी से बाहर जीवन की तलाश एक एक्‍सोप्‍लैनेट पर पूरी हो सकती है। एक्‍सोप्‍लैनेट उन ग्रहों को कहते हैं, जो हमारे सूर्य की नहीं बल्कि किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं। अब भारत की फ‍िजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL) के रिसर्चर्स ने एडवांस्‍ड PARAS-2 स्पेक्ट्रोग्राफ का इस्‍तेमाल करते हुए TOI-6651b नाम के एक्‍सोप्‍लैनेट की पहचान की है। यह एक घना और शनि ग्रह के आकार का एक्सोप्लैनेट है।
  • कोरोना क्‍यों था इतना खतरनाक, जापानी रिसर्चर्स ने लगाया पता
    कोविड-19 को लेकर दुनियाभर में खूब रिसर्च हुई हैं और अब जापानी रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि कोविड-19 इतना खतरनाक क्‍यों था। उनका कहना है कि कोविड-19 की वजह बनने वाला कोरोनावायरस 2 ( SARS‑CoV‑2 ) में एक एंजाइम होता है। वैज्ञानिकों ने कोविड वायरस में "ISG15" नाम के मोलेक्युलर टैग की भूमिका पर फोकस किया। यह न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन को एक-दूसरे से जुड़ने नहीं देता है- यह वायरस को इकट्ठा करने की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
  • बिग बैंग से नहीं हुई ब्रह्मांड की शुरुआत! मौजूद था ‘रहस्‍यमयी जीवन’, नई स्‍टडी में चौंकाने वाली बात
    एक स्‍टडी में कहा गया है कि बिग बैंग से पहले ब्रह्मांड में ‘रहस्‍यमयी जीवन’ की मौजूदगी हो सकती है। बिग बैंग से पहले हमारा ब्रह्मांड संकुचन के चरण से गुजरा यानी सिकुड़ गया। फ‍िर इसका विस्‍तार हुआ। इन बदलावों ने ब्‍लैक होल और डार्क मैटर के निर्माण में भूमिका निभाई। उनमें से कुछ आज भी मौजूद हो सकते हैं। भविष्‍य की तकनीक अगर उन्‍हें एक्‍सप्‍लोर कर पाती हैं तो ब्रह्मांड के बारे में नई जानकारी मिल सकती है।
  • ‘एलियंस’ की तलाश में वैज्ञानिकों ने खंगालीं 1300 आकाशगंगाएं, क्‍या मिला? जानें
    Aliens : वैज्ञानिकों ने हाइड्रोजन उत्‍सर्जित करने वाली फ्रीक्‍वेंसी में दूसरी दुनिया के सिग्‍नल ढूंढने की कोशिश की।
  • बिना भूकंप आई सुनामी ने 5 हजार किलोमीटर तक ‘डराया’, ग्रीनलैंड की घटना ने वैज्ञानिकों को चौंकाया
    Tsunami without earthquake : साल 2023 में पूर्वी ग्रीनलैंड में हुए बड़े भूस्खलन से भी एक मेगासुनामी पैदा हुई थी, जिसने पूरी दुनिया में हलचल मचाई।

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