• होम
  • मोबाइल
  • ख़बरें
  • क्‍या है ToxicPanda? 1500 एंड्रॉयड स्‍मार्टफोन्‍स में मिला, 16 बैंकों को किया टार्गेट

क्‍या है ToxicPanda? 1500 एंड्रॉयड स्‍मार्टफोन्‍स में मिला, 16 बैंकों को किया टार्गेट

यूरोप और लैटिन अमेरिका के रिसर्चर्स ने इसका पता लगाया है। ऐसा माना जाता है कि इस ट्रोजन को साल 2023 में ढूंढे गए एक अन्य बैंकिंग ट्रोजन से लिया गया है।

क्‍या है ToxicPanda? 1500 एंड्रॉयड स्‍मार्टफोन्‍स में मिला, 16 बैंकों को किया टार्गेट

एंड्रॉयड स्‍मार्टफोन्‍स में मौजूद एक्‍सेसबिलिटी सर्विस की मदद से टॉक्सिकपांडा सभी ऐप्‍स से डेटा चुरा सकता है।

ख़ास बातें
  • ToxicPanda बैंकिंग ट्रोजन का पता चला
  • स्‍मार्टफोन्‍स को रिमोट कंट्रोल कर सकता है
  • 1,500 से ज्‍यादा डिवाइसेज में पाया गया
विज्ञापन
टॉक्सिकपांडा (ToxicPanda) नाम का एक संभावित बैंकिंग ट्रोजन अपने डेवलपमेंट के शुरुआती स्‍टेज में है। यूरोप और लैटिन अमेरिका के रिसर्चर्स ने इसका पता लगाया है। ऐसा माना जाता है कि इस ट्रोजन को साल 2023 में ढूंढे गए एक अन्य बैंकिंग ट्रोजन से लिया गया है। टॉक्सिकपांडा की मदद से हैक किए गए स्‍मार्टफोन्‍स पर मौजूद अकाउंट्स को रिमोट यानी दूर से कंट्रोल किया जाता है। इसका इस्‍तेमाल करके साइबर हमलावर प्रभावित यूजर के अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। टॉक्सिकपांडा को  कथित तौर पर 1,500 से ज्‍यादा डिवाइसेज में पाया गया था। हमलावरों ने 16 बैंकिंग संस्थानों के यूजर्स को टार्गेट किया था। 

क्लीफी के थ्रेट इंटेलिजेंस के रिसर्चर्स ने अक्टूबर में एक नए एंड्रॉयड मैलवेयर का पता लगाया। पहले इसे TgToxic के रूप में पहचाना था। इसके अलावा, एक और बैंकिंग ट्रोजन को भी पिछले साल क्लीफी के रिसर्चर्स ने खोजा था। जो एंड्रॉयड मैलवेयर मिला था, वह TgToxic नहीं निकला। इसके बाद रिसर्चर्स ने उसे टॉक्सिकपांडा के रूप में ट्रैक करना शुरू किया। चेतावनी दी कि मैलवेयर, पीड़ित के डिवाइस के संक्रमित होने के बाद अकाउंट टेकओवर (एटीओ) की वजह बन सकता है। 

रिसर्चर्स का कहना है कि टॉक्सिकपांडा यूजर को चकमा देकर उसके बैंकिंग सुरक्षा उपायों को भी फेल कर सकता है और यूजर को आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है। एंड्रॉयड स्‍मार्टफोन्‍स में मौजूद एक्‍सेसबिलिटी सर्विस की मदद से टॉक्सिकपांडा सभी ऐप्‍स से डेटा चुरा सकता है। यह इतना चालाक है कि ओटीपी जैसे सिक्‍योरिटी फीचर को भी चकमा दे सकता है।  

यूजर्स का मानना है कि टॉक्सिकपांडा मैलवेयर को बनाने वाली चीनी हैं और अबतक 1,500 से अधिक डिवाइस को यह संक्रमित यानी इनफेक्‍टेड कर चुका है। सबसे ज्‍यादा यूजर इटली के हैं। उसके बाद पुर्तगाल, स्पेन, फ्रांस और पेरू के लोग प्रभावित हुए हैं। 

रिसर्चर्स का कहना है कि मौजूदा एंटीवायरस सॉल्‍यूशंस, टॉक्सिकपांडा जैसे खतरों का पता लगाने में नाकामयाब हैं। इससे यह भी पता चला है कि चीन में मैलवेयर बनाने वाले अब अपना फोकस दूसरे मार्केट्स पर कर रहे हैं।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

डेविड डेलिमा

Gadgets 360 में टेक्नोलॉजी लेखक के रूप में, डेविड डेलिमा की ओपन-सोर्स ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Realme की 14 Pro सीरीज के लॉन्च की तैयारी, Snapdragon 7s Gen 3 होगा प्रोसेसर
  2. Amazon, Flipkart की बढ़ी मुश्किल, CCI ने सुप्रीम कोर्ट से किया जल्द सुनवाई का निवेदन
  3. Xiaomi Ultra Slim Power Bank लॉन्च, 4900mAh बैटरी के साथ गजब फीचर्स से लैस
  4. Lava का Blaze Duo अगले सप्ताह होगा लॉन्च, 64 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा
  5. 18 हजार रुपये गिरी Google Pixel 8a की कीमत, यहां खरीदें सस्ता
  6. Bajaj Chetak EV में लगी आग, कभी राजीव बजाज ने बताया था चेतक को शोला, वीडियो वायरल
  7. क्रिप्टो मार्केट में गिरावट, बिटकॉइन का प्राइस 98,360 डॉलर से ज्यादा
  8. IRCTC की ऐप 1 घंटे बंद रहने के बाद वापस हुई चालू, ये थी वजह
  9. देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए 600 फास्ट चार्जिंग स्टेशंस लगाएगी Hyundai
  10. सिंगल चार्ज में 42 घंटे चलने वाले Redmi Buds 6 भारत में Rs 2,799 में लॉन्च, जानें खास फीचर्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »