कोरोना क्‍यों था इतना खतरनाक, जापानी रिसर्चर्स ने लगाया पता

कोविड-19 को लेकर दुनियाभर में खूब रिसर्च हुई हैं और अब जापानी रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि कोविड-19 इतना खतरनाक क्‍यों था।

कोरोना क्‍यों था इतना खतरनाक, जापानी रिसर्चर्स ने लगाया पता

वैज्ञानिकों को लगता है कि उनकी रिसर्च से भविष्‍य में इस तरह की बीमार‍ियों के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी और वैक्‍सीन डेवलप करना भी आसान होगा।

ख़ास बातें
  • कोविड-19 को लेकर हुई रिसर्च
  • एक एंजाइम की वजह से वायरस बना खतरनाक
  • जापानी वैज्ञानिकों ने की रिसर्च
विज्ञापन
कोविड-19 (कोरोना का एक टाइप) की भयावहता को लोग अभी भूले नहीं हैं। चीन से दुनियाभर में फैली इस महामारी ने लाखों लोगों की जान ली। अर्थव्‍यवस्‍था को गहरी चोट पहुंचाई। लॉकडाउन का दंश झेलने पर मजबूर किया। कोविड-19 को लेकर दुनियाभर में खूब रिसर्च हुई हैं और अब जापानी रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि कोविड-19 इतना खतरनाक क्‍यों था। उनका कहना है कि कोविड-19 की वजह बनने वाला कोरोनावायरस 2 ( SARS‑CoV‑2 ) में एक एंजाइम होता है। 

कोबे यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कहा कि इस स्‍टडी से पता चल सकता है कि सार्स और मेर्स वायरस की तुलना में कोविड-19 अधिक संक्रामक क्यों है? स्‍टडी के दौरान वैज्ञानिकों ने कोविड वायरस में "ISG15" नाम के मोलेक्युलर टैग की भूमिका पर फोकस किया। यह न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन को एक-दूसरे से जुड़ने नहीं देता है- यह वायरस को इकट्ठा करने की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।

यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट शोजी इकुओ ने जर्नल ऑफ वायरोलॉजी में एक पेपर में समझाया कि  एंजाइम अपने न्यूक्लियोकैप्सिड से टैग हटा सकता है, जिससे नए एंजाइम को इकट्ठा करने की इसकी क्षमता दोबारा डेवलप हो जाती है। शोजी ने कहा कि नोवल कोरोनावायरस इसी क्षमता की वजह से वह ज्यादा संक्रामक होते हैं।

सार्स और मेर्स वायरस से उलट कोविड बहुत तेजी से लगभग पूरी दुनिया में फैल गया था। कम आबादी वाला अंटार्कटिका भी इसकी चपेट में आया। कोविड वायरस में म्‍यूटेशन होते रहे और यह लोगों को  संक्रमित करता रहा। हालांकि बड़े पैमाने पर वैक्‍सीनेशन से इसका असर सीमित हो गया। 

वैज्ञानिकों को लगता है कि उनकी रिसर्च से भविष्‍य में इस तरह की बीमार‍ियों के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी और वैक्‍सीन डेवलप करना भी आसान होगा। रिसर्चर्स का मानना है कि अगर हम ISG15 टैग को हटाने वाले वायरल एंजाइम को काम करने से रोक पाएं तो नई एंटीवायरल दवाएं डेवलप की जा सकती हैं। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Amazon Prime Day Sale 2025: 12 जुलाई से शुरू होगा अमेजन का शॉपिंग फेस्टिवल, 80% तक छूट का दावा!
  2. OnePlus 15T में मिलेगी 7000mAh बैटरी! डिस्प्ले और प्रोसेसर डिटेल्स भी लीक
  3. 7550mAh बैटरी, स्नैपड्रैगन 8s जेन 4 के साथ Poco F7 5G लॉन्च, जानें क्या हैं खासियतें
  4. Tesla की भारत में सिर्फ EV बेचने में दिलचस्पी, मैन्युफैक्चरिंग की योजना नहीं!
  5. Reliance Jio ने लॉन्च किया Wi-Fi 6 राउटर, 6000 Mbps स्पीड और 100+ डिवाइसेज का सपोर्ट, जानें कीमत
  6. अमेरिकी पॉर्लियामेंट के स्टाफ के लिए बैन हुआ WhatsApp, ये है कारण....
  7. Tecno ने भारत में लॉन्च किया Spark Go 2, डुअल रियर कैमरा यूनिट, जानें प्राइस, फीचर्स
  8. Vivo T4 Lite 5G vs Oppo K13x 5G vs Realme Narzo 80 Lite 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  9. अमेरिका जाना है तो...सोशल मीडिया प्रोफाइल पब्लिक करना है जरूरी!
  10. Vivo ने लॉन्च किया 6000mAh बैटरी, 50MP कैमरा वाला बजट 5G स्मार्टफोन, जानें कीमत और फीचर्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »