यूरोपियन स्पेस एजेंसी एक ऐसा एक्सपेरिमेंटल प्रोग्राम लेकर आई है जिसमें हिस्सा लेने वालों को बिना कुछ काम किए 4.7 लाख रुपये दिए जाएंगे। प्रयोग 10 दिनों तक चलेगा जिसके दौरान वॉलंटियर एक खास स्थिति में रहेंगे। इन दस दिनों के भीतर उन पर लगातार नजर रखी जाएगी। एक्सपेरिमेंट के दौरान उन्हें मोबाइल फोन अपने साथ रखने की अनुमति होगी जिससे वे अपने चाहने वालों से बात कर सकते हैं। आइए विस्तार से बताते हैं कि कैसा होगा यह एक्सपेरिमेंट और इसके अंदर क्या क्या चुनौतियां भागीदारों को झेलनी पड़ सकती हैं।
यूरोप की स्पेस एजेंसी 10 दिनों के एक्सपेरिमेंट के लिए भागीदारों को 4.75 लाख रुपये देने का
दावा कर रही है। भागीदारों से कोई काम नहीं करवाया जाएगा बल्कि उन्हें बस एक खास तरह के बिस्तर के अंदर लेटे रहना होगा। कंपनी अपने विवाल्डी (Vivaldi) एक्सपेरिमेंट का तीसरा और आखिरी कंपैन आयोजित करने जा रही है। यह फ्रांस के टूलूस के मेडेस स्पेस क्लिनिक में होगा।
प्रयोग के तहत 10 दिनों तक भागीदारों को पानी से भरे बिस्तर में तैरना होगा। हालांकि इसमें भागीदार भीगेगा नहीं, क्योंकि उसके और पानी के बीच एक वाटरप्रूफ बेडशीट होगी। जिससे उसे हवा में लटके रहने का अहसास होगा। लोगों को पेशाब आदि करने के लिए भी एक खास ट्रॉली में ले जाया जाएगा। यहां तक कि उन्हें खाना भी एक फ्लोटिंग बोर्ड पर मिलेगा। इस दौरान उनका शरीर गर्दन के नीचे तक पानी में डूबा रहेगा। केवल हाथ और सिर ही पानी के ऊपर रहेंगे। इससे शरीर अंतरिक्ष में तैरने जैसा अहसास महसूस कर सकेगा। जिससे अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण की स्थिति को समझा जा सकेगा।
प्रयोग का मकसद अंतरिक्ष में यात्रियों के शरीर पर होने वाले प्रभाव को समझना है। इससे भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं के लिए नई चिकित्सा तकनीकों को विकसित करने में मदद मिलेगी। साथ ही इसका इस्तेमाल लंबे समय तक बिस्तर पर रहने वाले मरीजों और बुजुर्गों के इलाज में भी किया जा सकेगा।
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