नए रूल्स के तहत अगर किसी SIM कार्ड को स्वाप किया या बदला गया है, तो उससे जुड़े मोबाइल नंबर को सात दिनों तक एक अलग टेलीकॉम कंपनी को पोर्ट नहीं किया जा सकेगा
साल 2016 में पहली बार भारत में मोबाइल सब्सक्रिप्शन की कुल संख्या एक अरब यूजर्स तक पहुंची थी। अनुमान है कि साल 2026 तक देश में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या एक अरब तक पहुंच जाएगी।
WhatsApp के जरिए कई अन्य सुविधाओं का मिलेगा लाभ, जैसे “Jio SIM Recharge,” “Get new Jio SIM or Port-In (MNP),” “Support for Jio SIM,” “Support for JioFiber,” “Support for International Roaming” और “Support for JioMart” आदि।
TRAI की इसी रिपोर्ट में MNP (मोबइल नंबर पोर्टेबिलिटी) के बारे में भी बताया गया है। साल की शुरुआत में अपने मोबाइल नंबर पोर्ट कराने वाले ग्राहकों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
Jio कंपनी यूज़र्स को अपना मौजूदा मोबाइल नंबर प्रीपेड व पोस्टपेड में पोस्ट करने की सुविधा ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों के जरिए देता है। इसके लिए आपके पास अपना ऑरिज़न एड्रेस और आइडेंटीटी फ्रूफ होना चाहिए।
कंपनी का आरोप है कि MNP (मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी) कैंपेन की आड़ में Airtel व Vodafone Idea के एजेंट्स, कर्मचारी व खुदरा विक्रेता Jio सब्सक्राइबर्स से उनके जियो नंबर को वोडाफोन आइडिया व एयरटेल में पोर्ट कराने को किसान आंदोलन का समर्थन बता रहे हैं।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के लिए बढ़ती हुई रिक्वेस्ट को देखते हुए ट्राई ने शुल्क घटा दिया है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने पोर्ट कराने पर लगने वाले 19 रुपये को घटाकर अब 4 रुपये कर दिया है।