तमिलनाडु में चेन्नई के निकट कंपनी की फैक्टरी है। इसने दो वर्ष पहले हायरिंग में कुछ गड़बड़ी को स्वीकार किया था। फॉक्सकॉन ने बताया था कि उसने इस समस्या के समाधान के लिए कार्य किया है
इन स्मार्टफोन्स को सेल्स शुरू होने के पहले दिन से उपलब्ध कराया जा सकता है। इसके लिए इसके लिए एपल मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फर्मों के साथ टाई-अप कर सकती है
फॉक्सकॉन ने अधिकारियों को बताया है कि उसकी फैक्टरी में 41,281 वर्कर्स हैं। इन वर्कर्स में 33,360 महिलाएं हैं। कंपनी की महिला वर्कर्स में से लगभग आठ प्रतिशत विवाहित हैं। देश में महिला और पुरुष के आधार पर रोजगार में भेदभाव करना अवैध है
पिछले वर्ष फॉक्सकॉन को देश में अपनी फैक्टरी में एक अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने के लिए स्वीकृति मिली थी। इससे यह चीन के बाहर एपल के प्रोडक्ट्स के लिए बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकेगी
एपल ने भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की तैयारी की है। कंपनी का अगले तीन-चार वर्षों में आईफोन्स की कुल मैन्युफैक्चरिंग का 25 प्रतिशत देश में करने का टारगेट है
दुनिया भर में आईफोन की कुल असेंबलिंग में से लगभग 70 प्रतिशत ताइवान की यह कंपनी करती है। पिछले वर्ष कोरोना की वजह से चीन में लगाए गए प्रतिबंधों से फॉक्सकॉन के एपल के प्रोडक्ट्स बनाने वाले प्लांट पर बड़ा असर पड़ा था
टाटा ग्रुप की योजना तमिलनाडु के होसुर में यह फैक्टरी बनाने की है। इसमें लगभग 50,000 वर्कर्स को रोजगार मिल सकता है। इस फैक्टरी में लगभग 20 असेंबल लाइंस होंगी
एपल की योजना चीन में अपनी मैन्युफैक्चरिंग को घटाने की है। कंपनी के लिए भारत ग्रोथ का अगला बड़ा जरिया बन सकता है। इसके पास देश में 14 सप्लायर्स हैं। इसे सितंबर में लॉन्च की गई iPhone की नई सीरीज के लिए मजबूत डिमांड मिल रही है
देश में आईफोन के प्रोडक्शन में फॉक्सकॉन का मुकाबला Tata Group से होगा। ऑटोमोबाइल से लेकर सॉफ्टवेयर तक का बिजनेस करने वाले टाटा ग्रुप ने हाल ही में Wistron की देश में यूनिट को टेकओवर किया था
पिछले वर्ष भारत में बने iPhone 14 सीरीज के स्मार्टफोन्स की बिक्री इनके इंटरनेशनल लॉन्च के 10 दिनों के अंदर शुरू हुई थी। एपल की योजना आईफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए भारत को ग्लोबल हब बनाने की है
केंद्र सरकार की ओर से प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव जैसी कुछ योजनाओं के जरिए स्मार्टफोन्स सहित इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका फायदा एपल जैसी कंपनियों को मिल सकता है
इकोनॉमी को लेकर अनिश्चितता और प्राइसेज बढ़ने की वजह से कंज्यूमर्स और एंटरप्राइसेज की ओर से स्मार्टफोन्स से लेकर कंप्यूटर्स तक की खरीदारी में कमी हुई है। इससे एपल सहित बहुत सी डिवाइसेज बनाने वाली कंपनियों की डिमांड पर असर पड़ा है
पिछले वर्ष भारत से स्मार्टफोन्स की कुल शिपमेंट में एपल की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत की थी। दुनिया भर में बिकने वाले आईफोन्स में से लगभग 85 प्रतिशत की मैन्युफैक्चरिंग चीन में होती है
भारत में एपल की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स Foxconn और Wistron की फैक्टरी में आईफोन की असेंबलिंग की जाती है। एपल ने iPhone के कुल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का टारगेट बनाया है