अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple की बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Foxconn पर देश में विवाहित महिलाओं को जॉब नहीं देने का आरोप लगा है। इसकी जांच लेबर डिपार्टमेंट ने शुरू कर दी है। तमिलनाडु में चेन्नई के निकट फॉक्सकॉन की फैक्टरी का अधिकारियों ने विजिट कर कंपनी के हायरिंग के तरीकों के बारे में पूछताछ की है।
Reuters की एक रिपोर्ट में यह बताया गया था कि
फॉक्सकॉन की फैक्टरी में विवाहित महिलाओं को जॉब देने से मना किया जा रहा है। रीजनल लेबर कमिश्नर, A Narasaiah ने बताया कि लेबर डिपार्टमेंट की एक टीम ने कंपनी के डायरेक्टर्स और ह्युमन रिसोर्स डिविजन के एग्जिक्यूटिव्स से बातचीत की है। इस बारे में फॉक्सकॉन ने टिप्पणी के लिए दिए गए निवेदन पर प्रतिक्रिया नहीं दी। Apple ने भी Reuters की ओर से भेजे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया। इस मामले में केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह राज्य के अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।
इस बारे में Narasaiah ने कहा, "हम जानकारी एकत्र कर रहे हैं और कंपनी को दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया गया है। कंपनी ने बताया है कि वे भेदभाव नहीं कर रहे।" फॉक्सकॉन ने अधिकारियों को बताया है कि उसकी फैक्टरी में 41,281 वर्कर्स हैं। इन वर्कर्स में 33,360 महिलाएं हैं। कंपनी की महिला वर्कर्स में से लगभग आठ प्रतिशत विवाहित हैं। देश में महिला और पुरुष के आधार पर रोजगार में भेदभाव करना अवैध है।
Reuters की एक जांच में यह पता चला था कि Foxconn ने अपनी फैक्टरी में विवाहित महिलाओं को जॉब देने से इनकार किया है। इस बारे में Foxconn के एक पूर्व HR एग्जिक्यूटिव, S Paul ने Reuters को बताया था कि आमतौर पर Foxconn सांस्कृतिक मुद्दों और सामाजिक दबाव के कारण विवाहित महिलाओं को नियुक्त नहीं करती। कंपनी का मानना है कि विवाह के बाद बहुत सी समस्याएं होती हैं।
एपल और फॉक्सकॉन ने दो वर्ष पहले यह माना था कि हायरिंग से जुड़े तरीकों में खामियां हैं और उन्होंने इसे दूर करने के लिए कार्य किया है। पिछले वर्ष फॉक्सकॉन को देश में अपनी फैक्टरी में एक अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने के लिए स्वीकृति मिली थी। इससे यह चीन के बाहर एपल के प्रोडक्ट्स के लिए बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बना सकेगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)