अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple ने भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की तैयारी की है। कंपनी का लक्ष्य अगले तीन-चार वर्षों में आईफोन्स की कुल मैन्युफैक्चरिंग का 25 प्रतिशत देश में करने का टारगेट है। इसके लिए चाइनीज वेंडर्स से इनपुट्स की सोर्सिंग करने के बजाय लोकल वेंडर्स का नेटवर्क बनाया जा रहा है।
एक मीडिया
रिपोर्ट में कंपनी की योजना के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि एपल की देश में मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हिस्सा इसकी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Foxconn और Tata Group की कंपनी Tata Electronics के पास होगा। कंपनी के लिए भारत एक महत्वपूर्ण मार्केट है। पिछले वर्ष के अंत तक एपल की आईफोन्स की कुल मैन्युफैक्चरिंग का 14 प्रतिशत भारत में था। इन आईफोन्स की देश में बिक्री के साथ ही एक्सपोर्ट भी किया जा रहा है। एपल का टारगेट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाकर 2027 या 2028 तक 25 प्रतिशत करने का है।
देश में बनने वाले आईफोन्स अधिकतर मैन्युफैक्चरिंग ताइवान की Foxconn करती है। पिछले वित्त वर्ष के अंत तक भारत में लगभग 14 अरब डॉलर के आईफोन्स बनाए गए थे। पिछले वर्ष अक्टूबर में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने ताइवान की एक अन्य कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Wistron का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खरीदा था।
एपल का iPhone 15 Pro Max इस वर्ष की पहली तिमाही में सबसे अधिक बिकने वाला स्मार्टफोन रहा है। इसने एपल के अन्य आईफोन्स और दक्षिण कोरिया की कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Samsung के स्मार्टफोन्स को बिक्री में पीछे छोड़ा है।
मार्केट रिसर्च फर्म Counterpoint के डेटा के अनुसार, दूसरा सबसे अधिक बिकने वाला स्मार्टफोन iPhone 15 है। इसके बाद iPhone 15 Pro और iPhone 14 हैं। सैमसंग का Galaxy S24 Ultra, Galaxy A15 5G और A54 क्रमशः पांचवें, छठे और सातवें पायदान पर हैं। आमतौर पर, कम सेल्स वाली तिमाही में आईफोन के बेस वेरिएंट की बिक्री प्रो वेरिएंट्स से अधिक होती है। हालांकि, पिछली तिमाही में iPhone 15 Pro Max की बिक्री सबसे अधिक रहना कस्टमर्स के प्रीमियम स्मार्टफोन्स को अधिक पसंद करने का संकेत है। एपल के स्मार्टफोन से कुल रेवेन्यू में आईफोन के प्रो मॉडल्स की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है। इस वर्ष की शुरुआत में एपल ने दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी की अपनी पोजिशन गंवा दी थी। बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में से शामिल Microsoft का मार्केट कैपिटलाइजेशन इससे अधिक हो गया था।