Defence Tech

Defence Tech - ख़बरें

  • ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल्स की इंडोनेशिया को बिक्री कर सकता है भारत
    भारत और इंडोनेशिया के बीच ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की बिक्री के लिए लगभग एक दशक से बातचीत चल रही है। इस मिसाइल को भारत और रूस ने संयुक्त तौर पर डिवेलप किया है। इस डील के लिए बातचीत में रूस की सरकार के मालिकाना हक वाली मिलिट्री हार्डवेयर सप्लायर Rosoboronexport भी शामिल है। दक्षिण एशिया के देश अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत कर रहे हैं।
  • देश का डिफेंस एक्सपोर्ट एक दशक में 10 गुणा बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हुआ
    भारत से मिलिट्री इक्विपमेंट खरीदने में अमेरिका का पहला स्थान है। देश से ऑपरेट कर रही बोइंग,, कमिंस टेक्‍नॉलजीज, एवेंटेल जैसी कंपनियों के प्रोडक्‍ट्स अमेरिका को सप्‍लाई किए जा रहे हैं। इनमें बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इक्विपमेंट शामिल हैं। इजरायल भी भारत से मिलिट्री इक्विपमेंट खरीदने में आगे है और इस लिस्ट में यह दूसरे स्थान पर है।
  • वायु सेना को 12 एडवांस्ड Sukhoi जेट्स की सप्लाई करेगी HAL, 13,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर 
    वायु सेना को अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों से लैस करने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ बड़ी डील की हैं। इसी कड़ी में Hindustan Aeronautics Ltd (HAL) को 12 Sukhoi-30MKI लड़ाकू विमानों और इनसे जुड़े इक्विपमेंट की सप्लाई का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। यह कॉन्ट्रैक्ट लगभग 13,500 करोड़ रुपये का है। भारतीय वायु सेना के लिए इसकी लाइसेंस के तहत मैन्युफैक्चरिंग HAL कर रही है.
  • भारतीय सेना ने बनाया ‘खरगा’ ड्रोन, पल भर में ठिकाने लगा देगा दुश्‍मन को! जानें इसके बारे में
    भारतीय सेना के बेड़े में नए और हाईटेक ड्रोन्‍स लगातार शामिल हो रहे हैं। 'खरगा' कामिकेज ड्रोन ('Kharga' Kamikaze drone) एक और ड्रोन है, जिसे इंडियन आर्मी ने डेवलप किया है। इसे खु‍फ‍िया और सर्विलांस जैसे कामों में इस्‍तेमाल किया जा सकता है। यह ड्रोन अपने साथ विस्‍फोटक ले जाने में भी सक्षम है। यह ड्रोन तेज स्‍पीड में करीब 40 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
  • क्‍या है 3500km रेंज वाली K-4 बैलिस्टिक मिसाइल, जिसके टेस्‍ट से चीन-पाकिस्‍तान ‘सदमे’ में
    इंडियन नेवी ने उसकी न्‍यूक्लियर सबमरीन आईएनएस अरिघाट (INS Arighaat) से एक बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। 3,500 किलोमीटर रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइल का नाम K-4 है। नेवी इस मिसाइल सिस्‍टम के और टेस्‍ट करेगी। इसकी जद में सीधे-सीधे चीन और पाकिस्‍तान आते हैं।
  • चीन की चुनौती! हाईटेक फाइटर जेट ‘J-35’ को दिखाया, अमेरिका के F-35 की है कॉपी
    चीन, दुनिया के हर देश के लिए चुनौती बन रहा है, खासतौर पर अमेरिका के लिए। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन का पांचवीं पीढ़ी का दूसरा स्टील्थ लड़ाकू विमान वहां के सबसे बड़े एयर शो में पहली बार पेश किया जा रहा है। यह इस इवेंट का बड़ा हाइलाइट होगा। यही नहीं, अमेरिका के बाद चीन दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन जाएगा जिसके पास एक से ज्‍यादा पांचवीं जेनरेशन के लड़ाकू विमान होंगे।
  • हर मौसम उड़ने की महारत, कितना खास है C-295 एयरक्राफ्ट, जानें इसके बारे में
    C-295 की क्षमता 5 से 10 टन है। यह इंडियन एयरफोर्स के Avro-748 विमानों को रिप्‍लेस करेगा। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, C-295 को एक बेहतर विमान माना जाता है। इसकी मदद से 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स को रसद के साथ उन इलाकों में पहुंचाया जा सकता है, जहां भारी एयरक्राफ्ट नहीं पहुंच सकते।
  • क्‍या है THAAD डिफेंस सिस्‍टम? अमेरिका ने इस्राइल को दिया, बिना विस्‍फोटक खत्‍म कर देता है दुश्‍मन की मिसाइल
    अमेरिका ने अपना सबसे एडवांस मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम इस्राइल को दिया है। THAAD का पूरा नाम है ‘टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस’। ये सिस्‍टम किसी भी देश को, दुश्‍मन की शॉर्ट, मीडियम और इंटरमीडिएट रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से बचा सकता है। ये हमारे वायुमंडल के अंदर और बाहर से आने वाली मिसाइलों को ट्रैक कर सकता है। दुश्‍मन की मिसाइल खत्‍म करने के लिए ये विस्‍फोटक के बजाए गतिज यानी kinetic एनर्जी का इस्‍तेमाल करता है।
  • फतह-2, गदर, इमाद… Iran की 3 मिसाइलों के बारे में जानें सबकुछ
    जब से ईरान ने इस्राइल पर 180 से ज्‍यादा मिसाइलें दागी हैं, पूरी दुनिया में इसकी चर्चा है। इस्राइल पर हमले के लिए ईरान ने कई बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्‍तेमाल किया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें इमाद, गदर और फतह-2 शामिल थीं। इमाद एक मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी मैक्सिमम रेंज 1700 किमी. है। वहीं, गदर अपने साथ हजार किलो वॉरहेड ले जा सकती है। फतह 2 तो साउंड की स्‍पीड से तेज दौड़ती है।
  • Iran vs Israel : इस्राइल के पास कितने एयर डिफेंस सिस्‍टम? कैसे काम करती है उनकी टेक्‍नॉलजी? जानें
    ईरान ने मंगलवार की रात 181 मिसाइलों और ड्रोन्‍स से इस्राइल को टार्गेट किया। इस्राइल को बचाया उसके एयर डिफेंस सिस्‍टमों ने, जिनमे आयरन डोम, डेव‍िड स्लिंग और एरो सिस्‍टम प्रमुख है। आयरन डोम 4 से 70 किलोमीटर की दूरी से आने वाली मिसाइलों को रोकता है। डेव‍िड स्लिंग का काम है 300 किलोमीटर तक दूरी से आने वाली मिसाइलों को रोकना। एरो सिस्‍टम रोक सकता है 2400 किमी. दूर से आने वाली मिसाइलों को।
  • DRDO और IIT दिल्‍ली का कमाल! AK47 की 8 गोलियां झेलने वाली बुलेटप्रूफ जैकेट बनाईं
    DRDO ने IIT दिल्ली के रिसर्चर्स के साथ मिलकर 360 डिग्री सिक्‍योरिटी देने वाली हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट को डेवलप किया है। ABHED (एडवांस्ड बैलिस्टिक्स फॉर हाई एनर्जी डिफेट) नाम की जैकेटों को पॉलिमर और बोरॉन कार्बाइड सिरेमिक मटीरियल का इस्‍तेमाल करके तैयार किया गया। ये जैकेटें साइज में चौड़ी, वजन में कम हैं। 8 गोलियां झेल सकती हैं। ट्रायल में इन्‍होंने एके47 से मारी गई 8 गोलियों को झेल लिया। अच्‍छी बात है कि इनका वजन कम है।
  • Chamran-1 सैटेलाइट क्‍या है? जिसे लॉन्‍च करके ईरान ने अमेरिका को टेंशन दे दी!
    ईरान ने चमरान-1 रिसर्च सैटेलाइट को लॉन्‍च किया है। इसे कैम 100 रॉकेट की मदद से लॉन्‍च किया गया। हालांकि पश्चिमी देश ईरान के इस प्रोग्राम से खुश नहीं हैं। Chamran 1 सैटेलाइट का वजन 60 किलो है। इसे पृथ्‍वी से 550 किलोमीटर ऊपर तैनात किया गया है। सैटेलाइट को ऑर्बिटल मैनुअर का परीक्षण करने के लिए डिजाइन किया गया है। अगर ईरान सफल होता है तो उसे अंतरिक्ष में अपने स्‍पेसक्राफ्ट की कक्षा बदलने की काबिलियत मिल जाएगी।
  • देश में तेजी से बढ़ रही इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री
    इनवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म Jefferies की रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग चार वर्ष पहले टू-व्हीलर्स की कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की हिस्सेदारी केवल 0.4 प्रतिशत की थी। पिछले वर्ष की शुरुआत में यह बढ़कर 5.4 प्रतिशत हो गई थी। इसके पीछे सब्सिडी का बढ़ना और नए लॉन्च प्रमुख कारण थे। इंसेंटिव्स में कमी की वजह से पिछले 24 महीनों में यह हिस्सेदारी चार-सात प्रतिशत की रेंज में रही है।
  • चीनी तरकीब! HQ-9Bs एयर डिफेंस सिस्‍टम में लगा दीं छोटी मिसाइलें, कितना खतरनाक है? जानें
    चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपने लॉन्‍ग रेंज एयर डिफेंस‍ सिस्‍टम HQ-9B का नया वेरिएंट HQ-9Bs तैयार किया है। इसमें ट्रांसपोर्टर-इरेक्टर लॉन्चर लगा दिए गए हैं, जो सतह से हवा में मार करने वाली छोटी और हल्‍की मिसाइलों को रख सकते हैं। नए लॉन्‍चर 8 मिसाइलें ले जा सकते हैं। HQ-9Bs की तुलना रूस के एस400 एयर डिफेंस सिस्‍टम से होती है। तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान जैसे देश इसे खरीदने में दिलचस्‍पी द‍िखा रहे हैं।
  • 30 घंटों तक उड़ सकता है Orion MALE ड्रोन, भारत आ जाए तो कांपेंगे चीन-पाकिस्‍तान!
    ओरियन मेल ड्रोन को रूस ने बनाया है। दुश्‍मन पर निगाह रखने का काम यह बखूबी करता है और 10 हजार मीटर की ऊंचाई पर 30 घंटों तक उड़ान भर सकता है। रूस इस ड्रोन के Orion-E और Orion-2 वर्जन तैयार कर रहा है। Orion-2 का वजन 5 टन तक है। इसके पंख 30 मीटर तक लंबे हैं। यह अपने साथ 4 बम या 4 मिसाइल लेकर उड़ सकता है।

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