Astronomy & Astrophysics में पब्लिश की गई एक स्टडी बताती है कि वैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी के पास स्थित HD 20794 d नाम के एक एक्सोप्लैनेट की पुष्टि की गई है। इस ग्रह पर पहली बार 2022 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डॉ. माइकल क्रेटिनियर ने चिली में HARPS स्पेक्ट्रोग्राफ के डेटा का उपयोग करके संदेह जताया था। इस उपकरण ने ग्रह के मेजबान तारे से लाइट में छोटे बदलावों का पता लगाया, जिससे पता चला कि कुछ है, जो इसकी परिक्रमा कर रहा था।
NGC 1333 स्टेलर नर्सरी में सैकड़ों तारे मौजूद हैं जिनमें से कुछ केवल 10 लाख साल पुराने ही हैं। यहां पर बहुत से तारे तो धूल के नीचे ढके हुए बताए गए हैं।
इसकी झलक अगले सप्ताह बुधवार या गुरुवार को दिखने की संभावना है। यह बिना बाइनॉक्युलर या टेलीस्कोप के भी दिख सकता है। एस्ट्रोनॉमर्स ने बताया है कि धरती से यह 2.5 लाइट मिनट्स या 2.7 करोड़ मील की दूरी से गुजरेगा
दूसरे ग्रहों पर रेत के टीले होने के लिए कुछ चीजों का होना बहुत जरूरी है। सबसे पहले तो वहां कणों की मौजूदगी जरूरी है जो समय के साथ टूट भी सकें लेकिन कुछ समय तक टिकाऊ भी हों।