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भारतीय रिसर्चर्स का विदेशों में डंका! इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनॉमी मीट के 7 में से 4 अवॉर्ड जीते, स्‍वदेशी तकनीक ने दिलाया यह मुकाम

दक्षिण कोरिया के बुसान (Busan) में 31वीं इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) की बैठक में PhD वर्क के लिए दिया गया अवॉर्ड।

भारतीय रिसर्चर्स का विदेशों में डंका! इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनॉमी मीट के 7 में से 4 अवॉर्ड जीते, स्‍वदेशी तकनीक ने दिलाया यह मुकाम

खास बात यह भी है कि सभी अवॉर्ड सोलर फ‍िजिक्‍स के क्षेत्र से हैं।

ख़ास बातें
  • चारों भारतीय रिसर्चर्स सोलर फ‍िजिक्‍स के विशेषज्ञ हैं
  • भारतीय पवेलियन की ओर से स्‍वेदशी तकनीक दिखाई गई
  • बैठक का उद्घाटन IAU के अध्यक्ष डेबरा एल्मेग्रीन ने किया
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आजादी के 75 साल पूरे करने जा रहा हमारा देश कई मोर्चों पर दुनिया के सामने मिसाल पेश कर रहा है। देश-विदेश में हमारे साइंटिस्‍ट, डॉक्‍टर, इंजीनियर भारत का मान बढ़ा रहे हैं। दक्षिण कोरिया के बुसान (Busan) में 31वीं इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) की बैठक में PhD वर्क के लिए 7 छात्रों को अवॉर्ड दिया गया है। खास बात यह है कि इनमें से 4 भारतीय रिसर्चर हैं। चारों भारतीय रिसर्चर्स सोलर फ‍िजिक्‍स के विशेषज्ञ हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, अवॉर्ड पाने वालों में कोलकाता के सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस स्‍पेस साइंस इंडिया की प्रान्तिका भौमिक, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंसेज के गोपाल हाजरा और सौविक बोस के अलावा कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल से रीतिका जोशी शामिल हैं। एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर दीपांकर बनर्जी ने कहा कि ग्‍लोबल प्‍लेटफॉर्म पर किसी देश के लिए इतने सारे पीएचडी थीसिस पुरस्कार जीतना हैरान करने वाला है। खास बात यह भी है कि सभी अवॉर्ड सोलर फ‍िजिक्‍स के क्षेत्र से हैं। यह हाल के वर्षों में सूर्य और अंतरिक्ष पर्यावरण पर भारत में किए जा रहे कामों का प्रमाण है। 

बैठक का उद्घाटन IAU के अध्यक्ष डेबरा एल्मेग्रीन ने किया। इस दौरान भारतीय दल ने फ्रांस के IAU के हेडक्‍वॉर्टर में भारतीय खगोलीय सुविधाओं के प्रदर्शन को दर्शाने वाली एक पट्टिका पेश की। बैठक के दौरान भारतीय पवेलियन की ओर से 
सभी प्रमुख स्वदेशी खगोलीय सुविधाओं और दूरबीनों का प्रदर्शन किया गया। इनमें पुणे का विशालकाय मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप, नैनीताल के देवस्थल में लगाया गया ऑप्टिकल टेलीस्कोप, हनले में स्थित भारतीय खगोलीय ऑब्‍जर्वेट्री और उदयपुर और कोडाईकनाल की सोलर ऑब्‍जर्वेट्रीज शामिल हैं। 

पवेलियन ने स्‍पेस-बेस्‍ड मिशन जैसे- 'चंद्रयान' और 'एस्ट्रोसैट' के अलावा अपकमिंग अंतरिक्ष-खगोलीय मिशन जैसे- 'आदित्य एल 1', 'लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी (एलआईजीओ) इंडिया', 'थर्टी मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी)' और 'स्क्वायर मीटर एरे (एसकेए)' को भी चित्रित किया था। भारतीय रिसर्चर्स की कामयाबी इसलिए भी अहम है, क्‍योंकि उन्‍हें ये अवॉर्ड देश में विकस‍ित की गईं खगोलीय फैसिलिटीज और टेलीस्‍कोप के लिए दिए गए हैं। 
 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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