वैज्ञानिकों ने सुपर-अर्थ, HD 20794 d के अस्तित्व की पुष्टि की है, जो हमारी पृथ्वी से 20 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। पहली बार 2022 में इसके बारे में डॉ. माइकल क्रेटिनियर द्वारा पता लगाया गया था। इस ग्रह की उपस्थिति को HARPS और ESPRESSO स्पेक्ट्रोग्राफ के 20 वर्षों के डेटा का विश्लेषण करने के बाद वैरिफाई किया गया था। पृथ्वी के मास के छह गुना वजनी इस ग्रह में तरल पानी के लिए उपयुक्त स्थितियां हो सकती हैं। हालांकि, इसकी अण्डाकार कक्षा तापमान में अत्यधिक वृद्धि का कारण बन सकती है, जिससे रहने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। यह खोज एक्सट्रीमली लार्ज टेलीस्कोप और LIFE जैसे एडवांस टेलिस्कोप का यूज करके भविष्य के स्टडी में मदद कर सकती है, जिसका उद्देश्य जीवन के संभावित संकेतों के लिए एक्सोप्लैनेट वायुमंडल को एनालाइज करना है।
Astronomy & Astrophysics में पब्लिश की गई एक
स्टडी बताती है कि वैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी के पास स्थित HD 20794 d नाम के एक एक्सोप्लैनेट की पुष्टि की गई है। इस ग्रह पर पहली बार 2022 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डॉ. माइकल क्रेटिनियर ने चिली में HARPS स्पेक्ट्रोग्राफ के डेटा का उपयोग करके संदेह जताया था। इस उपकरण ने ग्रह के मेजबान तारे से लाइट में छोटे बदलावों का पता लगाया, जिससे पता चला कि कुछ है, जो इसकी परिक्रमा कर रहा था। हालांकि, सिग्नल कमजोर था, जिससे यह स्पष्ट नहीं था कि यह एक वास्तविक ग्रह था, उपकरणों में कोई खराबी थी, या तारे के कारण ही हुई थी।
खोज की पुष्टि करने के लिए, शोधकर्ताओं ने HARPS और ESPRESSO नामक एक अन्य एडवांस उपकरण के 20 वर्षों से अधिक के डेटा का विश्लेषण किया। टीम ने यह सुनिश्चित करने के लिए सिग्नल वास्तव में
किसी ग्रह से आया है, इसमें से किसी भी संभावित खराबी को सावधानीपूर्वक हटा दिया। डॉ. क्रेटिग्नियर ने कहा कि HD 20794 d के अस्तित्व की पुष्टि करने के बाद उन्हें खुशी और राहत दोनों महसूस हुई क्योंकि मूल सिग्नल बहुत हल्का था।
ग्रह रहने योग्य क्षेत्र में अपने तारे की परिक्रमा करता है, जिसका मतलब है कि यह ऐसी दूरी पर है जहां तरल पानी मौजूद हो सकता है। हालांकि, इसकी अण्डाकार कक्षा इसे इस क्षेत्र के आंतरिक और बाहरी किनारों के बीच ले जाती है। इससे तापमान में अत्यधिक परिवर्तन हो सकता है, जिससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है कि वहां लाइफ संभव है या नहीं।
Extremely Large Telescope (ELT) और Habitable Worlds Observatory जैसे शक्तिशाली दूरबीनों का उपयोग करके HD 20794 d का आगे अध्ययन किया जाएगा। वैज्ञानिकों को इसके वातावरण के बारे में और अधिक जानने और भविष्य में जीवन के संकेतों की तलाश करने की उम्मीद है।