थाईलैंड की मिनिस्ट्री और डिजिटल इकॉनमी एंड सोसायटी (डीईएस) और नेशनल साइबर सुरक्षा एजेंसी (एनसीएसए) ने 203 ऐसे ऐप्स की खोज की है, जिनके मंसूबे अच्छे नहीं हैं।
Google द्वारा इस मामले में दी गई जानकारी में यह नहीं बताया गया है कि कौन से डिवाइस या ओईएम इससे प्रभावित हुए थे, लेकिन यह मालवेयर फाइलों के उदाहरण के हैश को दिखाता है।
शार्कबॉट मैलवेयर बेहद खतरनाक ट्रोजन है, जो लोगों की बैंकिंग डिटेल्स को चुराता है। ये मैलवेयर असली दिखने वाले बैंकिंग लॉग-इन फॉर्म्स दिखाते हैं, जिन्हें यूजर्स बिना शक किए भर देते हैं और अपने अहम लॉगइन डिटेल्स खतरनाक हाथों में डाल देते हैं।
ये ऐप्स अपना नाम और आइकन बदल देते हैं, जिससे यूजर को इस बात की भनक तक नहीं पड़ती कि उसके स्मार्टफोन पर एक ऐसा ऐप है, जो उसकी निजी जानकारी चुरा सकता है।
साइबरसिक्टोरिटी फर्म Evina के सिक्योरिटी रिसर्चर मैक्सिम इंग्राओ (Maxime Ingrao) ने बीचे बुधवार को एक ट्वीट थ्रेड के जरिए जानकारी दी कि उन्होंने 'Autolycos' नाम के मैलवेयर की खोज की, जो कम से कम 8 Android एप्लिकेशन में मौजूद थे।
इस मैलवेयर को ओवरले अटैक,स्पैम, एसएमएस चोरी और शिकार को लॉन्चर में लॉक करने जैसे कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कीलॉगर की तरह भी काम करता है, जो हैकर्स को यूज़र की वित्तीय जानकारियों को हासिल करने में मदद करता है।
Google Play Store में शामिल इन ऐप्स में 1 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड हो चुकी मौसम की जानकारी देने वाली ऐप्स, 10 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड हो चुकी साउंड रिकॉर्डर ऐप समेत कुल 24 ऐप्स शामिल हैं।
CamScanner Google Play Store से हटा लिया गया है। क्या आपके स्मार्टफोन में भी कैमस्कैनर ऐप इंस्टॉल है? यदि हां तो हमारी आज की यह खबर खास आप लोगों के लिए है।
ख़बर है कि एक एंड्रॉयड मालवेयर की बुरी नज़र दुनियाभर के 232 बैकिंग ऐप पर है। इनमें से कुछ ऐप भारतीय बैंकों के भी हैं। एंड्रॉयड बैंकर ए9480 (Android.banker.A9480) टॉर्जन मालवेयर, यूज़र के निजी डेटा को चुराने का काम करता है। यह जानकारी क्विक हील सिक्योरिटी लैब ने दी है।