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60 से ज्‍यादा एंड्राॅयड ऐप्‍स में मिला 'चकमा' देने वाला मैलेवयर, जानें कितने सेफ हैं भारतीय यूजर्स

Android Malware : एंटीवायरस बनाने वाली कंपनी McAfee की मोबाइल रिसर्च टीम ने दावा किया है कि उसे 60 से ज्‍यादा ऐसे ऐप्‍स का पता चला, जिनमें गोल्डोसन (Goldoson) नाम का मैलेवयर है।

60 से ज्‍यादा एंड्राॅयड ऐप्‍स में मिला 'चकमा' देने वाला मैलेवयर, जानें कितने सेफ हैं भारतीय यूजर्स

Android Malware : गूगल ने फौरन कार्रवाई करते हुए कुछ ऐप्‍स को प्‍ले स्‍टोर से हटाया है। डेवलपर्स को सूचना दी गई है। कई डेवलपर्स ने अपने ऐप अपडेट किए हैं।

ख़ास बातें
  • एंटीवायरस बनाने वाली मैकफी ने लगाया मैलवेयर का पता
  • एंड्रॉयड ऐप्‍स के जरिए यूजर्स के डेटा में लगाता है सेंध
  • बिना यूजर्स की अनुमति के विज्ञापनों पर भी क्लिक करता है
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मैलवेयर के लिहाज से एंड्रॉयड को आमतौर पर सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्‍टम माना जाता है। हालांकि कई बार ऐप्‍स के जरिए मैलेवयर, यूजर्स को निशाना बनाने की कोशिश करते हैं। उनकी पहचान होने पर गूगल की ओर से जरूरी कदम उठाए जाते हैं। एंटीवायरस बनाने वाली कंपनी McAfee की मोबाइल रिसर्च टीम ने दावा किया है कि उसे 60 से ज्‍यादा ऐसे ऐप्‍स का पता चला, जिनमें गोल्डोसन (Goldoson) नाम का मैलेवयर है। ये मैलवेयर वन स्‍टोर (ONE store) और गूगल प्‍ले (Google Play) से डाउनलोड किए गए ऐप्‍स में पाया गया। खास बात है कि इन जिन 60 से ज्‍यादा ऐप्‍स में मैलेवयर की मौजूदगी है, उन्‍हें 10 करोड़ से ज्‍यादा डाउनलोड्स मिले हैं। 
 

क्‍या करता है गोल्डोसन

McAfee की टीम ने गोल्डोसन को थर्ड-पार्टी मैलिशियस लाइब्रेरी बताया है। यह मैलवेयर लोगों की संवेदनशील जानकारी को हासिल कर सकता है। मसलन- यूजर्स ने कौन से ऐप्‍स इंस्‍टॉल किए हैं। उनके WiFi और ब्लूटूथ से कौन सी डिवाइसेज जुड़ी हैं। साथ ही GPS की जानकारी को भी गोल्‍डोसन हासिल कर सकता है।  
 

ऐसे चकमा देता है गोल्‍डोसन

Goldoson मैलवेयर खुद को यूजर की डिवाइस में र‍जिस्‍टर कर लेता है। फ‍िर ऐप चलाते ही रिमोट कॉन्फिगरेशन हासिल कर सकता है। यूजर्स को चकमा देने के लिए रिमोट सर्वर डोमेन बदलता रहता है। यह यूजर्स के साथ विज्ञापन से जुड़ी धोखाधड़ी भी करता है। मसलन- यूजर्स की सहमति के बिना यह मैलेवयर बैकग्राउंड में विज्ञापनों पर क्लिक करता है। 
 

भारतीय यूजर्स कितने सेफ?

सवाल उठता है कि 60 से ज्‍यादा ऐप्‍स में मैलवेयर का मिलना और उन्‍हें 10 करोड़ से ज्‍यादा बार डाउनलोड किया जाना भारतीय यूजर्स के लिए कितनी चिंता की बात है? रिपोर्ट्स पर भरोसा करें, तो भारतीय यूजर्स को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। जिन ऐप्‍स में मैलवेयर मिला है, वो साउथ कोरिया से जुड़े हैं यानी उस देश के यूजर्स के डेटा पर ‘खतरा' है।  
 

गूगल ने क्‍या ऐक्‍शन लिया? 

McAfee की टीम ने कहा है कि उसने गूगल को ऐसे ऐप्‍स की जानकारी दी थी, जिनमें मैलेवेयर है। गूगल ने फौरन कार्रवाई करते हुए कुछ ऐप्‍स को प्‍ले स्‍टोर से हटाया है। डेवलपर्स को सूचना दी गई है। कई डेवलपर्स ने अपने ऐप अपडेट किए हैं। अगर आपको भी कभी ऐसे ऐप्‍स की जानकारी मिलती है, जिसमें मैलेवयर हो सकता है और वह आपके फोन में है, तो फौरन ऐसे ऐप्‍स को अपनी डिवाइस से हटा दें। 
 

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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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