देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio ने अपने हाई-स्पीड 5G टेलीकॉम नेटवर्क को तेजी से बढ़ाने के लिए लगभग एक लाख टेलीकॉम टावर इंस्टॉल किए हैं। यह संख्या कंपनी के सबसे निकट के राइवल से लगभग पांच गुना अधिक है। देश में पिछले वर्ष 5G सर्विसेज की शुरुआत हुई थी।
टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) के डेटा से पता चलता है कि रिलायंस जियो ने 99,897 बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशन (BTS) इंस्टॉल किए हैं। यह कंपनी के पास मौजूद दो फ्रीक्वेंसी (700 MHz और 3,500 MHz) में लगाए गए हैं। इसकी तुलना में
Bharti Airtel के BTS की संख्या 22,129 है। जियो के पास प्रत्येक बेस स्टेशन के लिए तीन सेल साइट्स हैं, जबकि एयरटेल के लिए यह संख्या दो है। अधिक टावर्स और सेल साइट्स का मतलब तेज स्पीड है। नेटवर्क इंटेलिजेंस फर्म Ookla की रिपोर्ट के अनुसार, जियो की टॉप मीडियन स्पीड 506 Mbps और एयरटेल की 268 Mbps की है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत में 5G नेटवर्क चार महीने से अधिक से मौजूद है और इसका देश में मोबाइल की स्थिति पर बड़ा असर पड़ा है। स्पीडटेस्ट इंटेलिजेंस डेटा से पता चलता है कि देश भर में मीडियन डाउनलोड स्पीड 115 प्रतिशत बढ़ी है।" इस हाई-स्पीड नेटवर्क को शुरुआत में लागू करने वाले अधिकतर टेलीकॉम सर्कल में 5G में परफॉर्मेंस में सुधार हुआ है। जनवरी में कोलकाता में 500 Mbps से अधिक के साथ सबसे तेज मीडियन 5G डाउनलोड स्पीड थी। भारत में 50 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं और यह चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन मार्केट है।
Ookla ने बताया, "जियो की कोलकाता में मीडियन 5G डाउनलोड स्पीड 506.25 Mbps, जबकि एयरटेल के लिए दिल्ली में यह 268.89 Mbps की थी। जियो और एयरटेल के 5G नेटवर्क के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य हैं। इस नेटवर्क की शुरुआत से लेकर उपलब्धता तक तेजी से बढ़ा है।" भारत ने 6G की ओर भी कदम बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को भारत
6G विजन डॉक्युमेंट जारी किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था, "G-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत के प्रायरिटीज में से एक क्षेत्रीय विभाजन को घटाना है। जब हम टेक्नोलॉजिकल विभाजन के बारे में बात करते हैं तो भारत से अपेक्षा होना स्वाभाविक है।" इसके साथ ही उनका कहना था कि देश के नागरिकों को टेलीकॉम टेक्नोलॉजी सशक्त बना रही है।