पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल पर स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या तेजी से बढ़ी है। इस समस्या पर लगाम लगाने के लिए कुछ उपाय किए गए हैं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का मैसेज ट्रेसेबिलिटी कहा जाने वाला नया रूल 11 दिसंबर से लागू किया जा रहा है। इस रूल से स्पैम मैसेज को घटाने में सहायता मिलेगी।
इस रूल को 1 दिसंबर से लागू किया जाना था लेकिन
टेलीकॉम कंपनियों के निवेदन पर इसे टाला गया था। हालांकि, इसके लिए वास्तविक समयसीमा 31 अक्टूबर की थी। नए सिस्टम से मैसेज भेजने वाले व्यक्ति से लेकर इसकी डिलीवरी तक को ट्रैक किया जा सकेगा। इससे मैसेज भेजने में टेलीमार्केटर्स और अन्य पार्टीज के शामिल होने का पता लग सकेगा। TRAI ने बताया है कि इस रूल से वन-टाइम पासवर्ड (OTP) जैसे महत्वपूर्ण मैसेज को प्राप्त करने में देरी नहीं होगी। OTP का इस्तेमाल बैंकिंग और अन्य सर्विसेज के लिए किया जाता है। नए सिस्टम में ऐसे प्रमोशनल और स्पैम मैसेज को ब्लॉक किया जाएगा जो रजिस्टर्ड फर्मों की ओर से नहीं भेजे गए हैं। इसके लिए 27,000 से अधिक फर्मों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शामिल Bharti Airtel ने इस सप्ताह की शुरुआत में बताया था कि उसके नेटवर्क पर 8 अरब से ज्यादा स्पैम कॉल्स की चेतावनी दी गई है। कंपनी ने लगभग ढाई महीने पहले स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) से जुड़ा सॉल्यूशन लॉन्च किया था। इसके बाद से कंपनी के सब्सक्राइबर्स और स्पैम कॉल्स और मैसेज आने पर चेतावनी दी जाती है।
भारती एयरटेल ने बताया कि इस सॉल्यूशन की मदद से उसके नेटवर्क पर प्रति दिन लगभग 10 लाख स्पैमर्स की पहचान की जाती है। कंपनी के नेटवर्क पर कुल कॉल्स में से छह प्रतिशत और सभी SMS में से लगभग दो प्रतिशत की पहचान
स्पैम के तौर पर की गई है। राजधानी दिल्ली में सबसे अधिक स्पैम कॉल्स प्राप्त की जाती हैं। पिछले ढाई महीने में कंपनी ने 25 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स को संदिग्ध कॉल्स की चेतावनी दी है। कंपनी ने पाया है कि सब्सक्राइबर्स के स्पैम कॉल्स का उत्तर देने में 12 प्रतिशत की कमी हुई है। दिल्ली के बाद मुंबई और कर्नाटक से सबसे अधिक स्पैम कॉल्स शुरू होती हैं। स्पैम मैसेज में सबसे अधिक गुजरात से होते हैं। इसके बाद कोलकाता और उत्तर प्रदेश हैं।