पिछले कई वर्षों से घाटे से जूझ रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने अपना मार्केट शेयर तीन वर्षों में बढ़ाकर 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत करने का टारगेट रखा है। देश भर में कंपनी का मौजूदा मार्केट शेयर नौ प्रतिशत का है। BSNL का कहना है कि उसकी स्टॉक मार्केट में जाने की कोई योजना नहीं है क्योंकि उसके पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं।
BSNL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, P K Purwar ने संवाददाताओं को बताया, "अगले तीन वर्षों में कंपनी नेटवर्क अपग्रेड करने पर 30,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।" उनका कहना था कि देश के पास स्वदेशी 4G इक्विपमेंट होगा और नई टेक्नोलॉजी से BSNL की कवरेज बढ़ेगी। कंपनी का फोर्थ जेनरेशन (4G) नेटवर्क जल्द लॉन्च हो सकता है। केंद्र सरकार के ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने इसके लिए बड़ी IT कंपनियों में शामिल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की अगुवाई वाले कंसोर्शियम को एक लाख साइट्स के लिए इक्विपमेंट की सप्लाई के प्रपोजल को अनुमति दी है।
पिछले महीने टेलीकॉम मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने बताया था कि
BSNL ने फील्ड ट्रायल के हिस्से के तौर पर 200 टावर्स को लगाना शुरू कर दिया है। उनका कहना था कि अगले कुछ महीनों में 4G के लिए तेजी से टावर लगाने की योजना है। टाटा ग्रुप की कंपनी
TCS इन साइट्स के लिए 4G इक्विपमेंट की सप्लाई करेगी। यह ऑर्डर लगभग 24,500 करोड़ रुपये का है। इसमें लगभग 13,000 करोड़ रुपये के नेटवर्क इक्विपमेंट की खरीद शामिल है। Purwar ने कहा, "केंद्र सरकार की BSNL एक कंपनी है और सरकार ने हमें डिवेलपमेंट की जिम्मेदारी दी है। देश में 4G टेक्नोलॉजी लाने का फैसला केंद्र सरकार का फैसला था। दुनिया में बमुश्किल पांच देश हैं जिनके पास 5G टेक्नोलॉजी है और भारत भी इसमें शामिल हो गया है।" BSNL की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले 4G इक्विपमेंट को सॉफ्टवेयर अपग्रेड के जरिए तेजी से 5G पर लाया जा सकेगा।
केंद्र सरकार ने BSNL के लिए 600 MHz, 3300 MHz और 26 GHz बैंड्स में स्पेक्ट्रम को रिजर्व रखा है, जिसका इस्तेमाल 5G सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। देश में पिछले वर्ष 5G सर्विसेज लॉन्च की गई थी। रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियां तेजी से इस हाई-स्पीड नेटवर्क को बढ़ा रही हैं।