पिछले कुछ वर्षों से घाटे से जूझ रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को इस वर्ष के बजट में 82,916 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बजट में टेलीकॉम प्रोजेक्ट्स और टेलीकॉम मिनिस्ट्री के तहत आने वाली सरकारी कंपनियों के लिए लगभग 1.28 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा BSNL को मिला है।
टेलीकॉम मिनिस्ट्री को बजट में मिले आवंटन में लगभग 17,510 करोड़ रुपये टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) के कर्मचारियों की पेंशन के लिए हैं। राजधानी दिल्ली और मुंबई में टेलीकॉम सर्विसेज उपलब्ध कराने वाली महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) का कामकाज केंद्र सरकार एक एग्रीमेंट के जरिए
BSNL को सौंप सकती है। इससे पहले BSNL में MTNL के मर्जर के विकल्प पर भी विचार किया गया था। इस बारे में अंतिम फैसला जल्द हो सकता है।
MTNL पर अधिक कर्ज के मद्देनजर इसका BSNL में मर्जर सही विकल्प नहीं होगा। इस बारे में फैसला होने के बाद इस प्रपोजल को कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज के सामने रखा जाएगा। इस कमेटी से स्वीकृति मिलने पर यह प्रपोजल केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास जाएगा। हाल ही में एक फाइलिंग में MTNL ने बताया था कि वह पर्याप्त फंड नहीं होने की वजह से कुछ बॉन्डहोल्डर्स को इंटरेस्ट का भुगतान नहीं कर सकती।
BSNL को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में कंपनी की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से निवेदन किया गया था। भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने कहा था कि प्राइवेट
टेलीकॉम कंपनियों के प्राइसिंग में दबदबे पर नियंत्रण के लिए BSNL की मौजूदगी महत्वपूर्ण है। BMS ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में निवेदन किया था कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि BSNL को स्वदेशी टेक्नोलॉजी के डिवेलप होने तक इंटरनेशनल वेंडर्स से 4G और 5G से जुड़े इक्विपमेंट के इस्तेमाल की अनुमति मिले। BMS के महासचिव, Ravindra Himte ने इस पत्र में कहा था कि 4G और 5G सर्विसेज देने वाली टेलीकॉम कंपनी के तौर पर BSNL की मौजूदगी देश और सामान्य लोगों के हित में है। उन्होंने बताया था कि नई मोबाइल सर्विसेज की गैर मौजूदगी के कारण कंपनी को सब्सक्राइबर्स का नुकसान हो रहा है। हाल ही में कंपनी ने 4G सर्विस शुरू की है।