सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के 4G सब्सक्राइबर्स की संख्या आठ लाख पर पहुंच गई है। BSNL ने पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे उत्तरी राज्यों में इस सर्विस को शुरुआत में लॉन्च किया है। पिछले कुछ वर्षों से घाटे से जूझ रही इस कंपनी की 5G सर्विस भी लॉन्च करने की तैयारी है।
Bharti Airtel और Reliance Jio जैसी बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां अपने 5G नेटवर्क का एक्सपैंशन लगभग पूरा कर चुकी हैं। इन कंपनियों से BSNL को कड़ी टक्कर मिल रही है। इसने 3,500 से अधिक 4G टावर लगाए हैं। देश भर में इनकी संख्या जल्द 20,000 टावर तक पहुंचाने की योजना है। पिछले वर्ष इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड कम्युनिकेशंस मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने कहा था कि BSNL का लक्ष्य 12 से 24 महीनों में 10 करोड़ 4G सब्सक्राइबर्स हसिल करने का है। BSNL को 4G नेटवर्क के लॉन्च में देरी से बड़ी संख्या में
सब्सक्राइबर्स का नुकसान हो रहा है। इसने Tata Group की IT कंपनी TCS को 4G नेटवर्क को इंस्टॉल करने से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट दिया था।
पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में
कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट लॉस तिमाही-दर-तिमाही आधार पर बढकर लगभग 1,569 करोड़ रुपये हो गया। इससे पिछली तिमाही में यह 1,481 करोड़ रुपये का था। हालांकि, वर्ष-दर-वर्ष आधार पर कंपनी का लॉस घटा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह लॉस 1,868 करोड़ रुपये का था। हाल ही में BSNL ने BharatNet प्रोजेक्ट के तीसरे फेज के लिए लगभग 65,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। यह लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसमें दो लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाएगी।
इस टेंडर में Ericsson, HFCL, STL, TCS जैसी बहुत सी टेलीकॉम इक्विपमेंट से जुड़ी कंपनियां बिड दे सकती हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए चुनी गई कंपनियों को 10 वर्षों के लिए ग्राम पंचायतों में नेटवर्क को ऑपरेट भी करना होगा। BSNL ने 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए बिड मंगाई हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा, केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी शामिल हैं। इस टेंडर की शर्तों के अनुसार, जिस राज्य के लिए बिड दी जा रही है उसके आधार पर कंपनी की न्यूनतम नेटवर्थ 50-375 करोड़ रुपये की होनी चाहिए।