पिछले वर्ष लॉन्च हुई हाई-स्पीड 5G टेलीकॉम सर्विसेज देश के 238 शहरों में पहुंच गई हैं। सरकार ने बुधवार को संसद में यह जानकारी दी। 4G की तुलना में 5G में बहुत कम लेटेंसी है जिससे विभिन्न सेक्टर्स में यूजर्स का एक्सपीरिएंस बेहतर होगा। कम लेटेंसी का मतलब डेटा मैसेज की अधिक वॉल्यूम को न्यूनतम देरी के साथ प्रोसेस करना होता है।
टेलीकॉम कंपनियों ने पिछले वर्ष अक्टूबर से 5G सर्विसेज की शुरुआत की थी। केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष अगस्त में टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम एलोकेशन लेटर जारी कर उनसे 5G सर्विसेज की शुरुआत के लिए तैयारी करने को कहा था। टेलीकॉम डिपार्टमेंट को 5G स्पेक्ट्रम की
नीलामी में लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये की बिड्स मिली थी। इस नीलामी में Reliance Jio, Adani group, Bharti Airtel और Vodafone Idea जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ने हिस्सा लिया था।
इन सर्विसेज से माइनिंग, टेलीमेडिसिन, वेयरहाउसिंग और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में रिमोट डेटा मॉनिटरिंग को बढ़ाया जा सकेगा। टेलीकॉम सेक्टर की दो बड़ी कंपनियों Bharti Airtel और
रिलायंस जियो ने अगले वर्ष मार्च तक 15 करोड़ तक मोबाइल फोन यूजर्स के 5G में कन्वर्ट होने का टारगेट रखा है। ये दोनों कंपनियां अपनी 5G कवरेज को बढ़ा रही हैं। इस हाई-स्पीड सर्विस के लिए टैरिफ में भी बढ़ोतरी की जा सकती है। टेलीकॉम इंडस्ट्री से जुड़े एग्जिक्यूटिव्स और एनालिस्ट्स का कहना है कि अगला फाइनेंशियल ईयर टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक बड़ा बदलाव लाएगा। ये कंपनियां अपनी 5G सर्विस का दायरा बढ़ाने के साथ ही अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने पर भी फोकस करेंगी।
अगले फाइनेंशियल ईयर में ये कंपनियां 1.5 लाख करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट कर सकती हैं। कर्ज के बोझ से दबे इस सेक्टर से पिछले तीन वर्षों में कुछ कंपनियां बाहर हुई हैं। पिछले वर्ष के अंत में टेलीकॉम सेक्रेटरी K Rajaraman ने कहा था, "5G के कारण यह वर्ष रोमांचक रहा है। यह एक बड़ा कदम है। हम अगले वर्ष 5G के तेजी से विस्तार की उम्मीद कर रहे हैं।" उन्होंने बताया था कि टेलीकॉम ऑपरेटर्स के ऑपरेशंस की कॉस्ट घटाने के लिए सरकार उपाय करना जारी रखेंगी। Reliance Jio और Bharti Airtel ने पिछले वर्ष नवंबर में संयुक्त तौर पर लगभग 25 लाख मोबाइल सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं।