13 हजार साल पुराने मंदिर में मिला दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर!

पुरातत्व वैज्ञानिकों को दक्षिणी तुर्की में गोबेकली तेपे में कुछ नक्काशी मिली हैं जो पत्थर पर उकेरी गई हैं।

13 हजार साल पुराने मंदिर में मिला दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर!

तुर्की में वैज्ञानिकों को 13 हजार साल पुराना कैलेंडर मिला है।

ख़ास बातें
  • तुर्की में वैज्ञानिकों को 13 हजार साल पुराना कैलेंडर मिला है।
  • कैलेंडर विनाशकारी धूमकेतु के हमले को चिह्नित करता बताया गया है।
  • चित्र 10850 B.C. के आसपास बनाए गए होंगे।
विज्ञापन
तुर्की में वैज्ञानिकों को 13 हजार साल पुराना कैलेंडर मिला है। यहां पर पत्थर के एक विशाल खम्भे पर इस तरह की नक्काशी को उकेरा गया है जिसे वैज्ञानिक दुनिया का सबसे पुराना सूर्य और चंद्र कैलेंडर मान रहे हैं। अनुमान है कि यह कैलेंडर किसी विनाशकारी धूमकेतु के हमले को चिह्नित करने के लिए बनाया गया हो सकता है। आइए जानते हैं इस पुरानी खोज के बारे में सामने आई स्टडी क्या कहती है। 

पुरातत्व वैज्ञानिकों को दक्षिणी तुर्की में गोबेकली तेपे में कुछ नक्काशी मिली हैं जो पत्थर पर उकेरी गई हैं। गोबेकली तेपे दक्षिणी तुर्की का मशहूर पुरातत्व स्थल है जो अपने बड़ी संख्या में पाए जाने वाले मंदिरों के लिए जाना जाता है। इन पर मिलने वाली चित्रकारी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है। टाइम एंड माइंड नामक जर्नल में 24 जुलाई को एक स्टडी पब्लिश (via) की गई जिसमें 13 हजार साल पुराने कैलेंडर का जिक्र किया गया है। 

यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के अनुसार, स्टडी कहती है कि पिलर पर V शेप के 365 निशान हैं। शोधकर्ता मान रहे हैं कि हरेक निशान एक दिन को दिखा रहा है। वहीं, पूरे कैलेंडर में 12 चंद्र महीने हैं और 11 अतिरिक्त दिन हैं। वी-शेप के निशानों के अलावा यहां पर शोधकर्ताओं को पक्षी जैसा एक दानव भी छपा मिला है जिसकी गर्दन के आसपास भी ऐसा ही V शेप का निशान बना हुआ है। माना जा रहा है कि यह चित्र उस समय के ग्रीष्म संक्रांति नक्षत्र को दिखा रहा है। 

इन चित्रों के बारे में एक और महत्वपूर्ण बात यह बताई गई है कि ये 10850 B.C. के आसपास बनाए गए होंगे। और उस समय पृथ्वी पर किसी धूमकेतु का हमला हुआ होगा जिसको रिकॉर्ड करने के लिए यह नक्काशी की गई होगी। चित्र बताते हैं कि उस समय के लोग सूर्य, चंद्रमा और नक्षत्रों की अपनी स्टडी को सौर कैलेंडर के रूप में रिकॉर्ड कर सकते थे।

शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि धूमकेतु के हमले का प्रभाव इतना रहा होगा कि उसने धरती पर एक हिमयुग की शुरुआत कर दी होगी। यह घटना गोबेकली तेपे में सांस्कृतिक बदलाव के लिए काफी रही होगी। और इसी के परिणामस्वरूप यहां पर किसी नए पंथ या धर्म की शुरुआत हुई होगी। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के इंजीनियर और स्टडी के लेखक मार्टिन स्वेटमैन का कहना है कि गोबेकली तेपे के निवासी आसमान में हो रही घटनाओं को लेकर बहुत उत्सुक रहते थे और लगातार इसे स्टडी करते थे। संभव है कि उस समय उनकी दुनिया को एक धूमकेतु ने तबाह कर दिया होगा। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. iPhone में आया गेम-चेंजर फीचर, Siri को बदल सकेंगे यूजर्स, लेकिन केवल...
  2. Asus ProArt P16 भारत में हुआ लॉन्च, 64 GB तक RAM, जानें प्राइस, फीचर्स
  3. WhatsApp के देसी कॉम्पटीटर Arattai में भी आज रात से मिलेगा व्हाट्सएप जैसा फीचर!
  4. क्या Cognizant इस खास सॉफ्टवेयर से कर्मचारियों पर रख रहा है नजर? कंपनी की ओर से आया बड़ा बयान
  5. 200MP कैमरा, 7500mAh बैटरी के साथ Oppo Find X9 Pro, Find X9 लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  6. स्टूडेंट ने कॉलेज में बनाया प्रोजेक्ट, Google ने थमा दिया 1 लाख का बिल!
  7. ChatGPT में अब कर पाएंगे 20 लोग एक साथ चैट, AI देगा सवालों के जवाब
  8. OnePlus 15R भारत में जल्द होगा लॉन्च, टीजर जारी, डिजाइन से लेकर स्पेसिफिकेशंस के बारे में जानें
  9. 50 इंच स्मार्ट टीवी पर आई बेस्ट डील्स, Flipkart पर मिल रहे सस्ते
  10. भारत के इस राज्य ने बना दिया AI वाला पहला कंप्यूटर, तुरंत देगा आपके सवालों का जवाब
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »