• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • क्‍या हैं सौर हवाएं, सोलर फ्लेयर और कोरोनल मास इजेक्शन? समझिए इनके बीच का फर्क

क्‍या हैं सौर हवाएं, सोलर फ्लेयर और कोरोनल मास इजेक्शन? समझिए इनके बीच का फर्क

कोरोनल मास इजेक्शन या CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं।

क्‍या हैं सौर हवाएं, सोलर फ्लेयर और कोरोनल मास इजेक्शन? समझिए इनके बीच का फर्क

सोलर विंड या सौर हवाएं सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड को अंतरिक्ष तक ले जाने में सहायक होती हैं।

ख़ास बातें
  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने इनके बारे में बताया है
  • इन एक्टिविटीज का असर कई बार पृथ्‍वी तक होता है
  • कोरोनल मास इजेक्‍शन को CME भी कहा जाता है
विज्ञापन
पृथ्‍वी समेत बाकी ग्रहों को ऊर्जा देने वाले हमारे सूर्य में भी कई गतिविधियां होती रहती हैं। अक्‍सर हम ‘सोलर फ्लेयर', ‘कोरोनल मास इजेक्शन' और ‘सोलर विंड' जैसी घटनाओं के बारे में सुनते हैं और इनसे जुड़ी खबरें पढ़ते हैं। सूर्य में होने वाली इन एक्टिविटीज का असर कई बार पृथ्‍वी तक होता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के नजरिए से आज हम इन तीन गतिविधियों के बारे में जानेंगे, साथ ही यह भी समझेंगे कि इनमें आपस में क्‍या अंतर है। 
 

कोरोनल मास इजेक्शन (CME)

कोरोनल मास इजेक्शन या CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्‍तार होता है और अक्‍सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्‍वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्‍नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्‍यादा होने पर ये पृथ्‍वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं। 
 

सोलर फ्लेयर

जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद एनर्जेटिक पार्टिकल्‍स प्रकाश की गति से अपना सफर तय कोरोनल मास इजेक्शन भी होता है।
 

सोलर विंड 

सोलर विंड या सौर हवाएं सूर्य से न‍िकलर हर दिशा में बहती हैं। यह सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड को अंतरिक्ष तक ले जाने में सहायक होती हैं। यह हवाएं पृथ्‍वी पर चलने वाली हवाओं की तुलना में बहुत कम घनी होती हैं, लेकिन इनमें बहुत तेज रफ्तार होती है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि सौर हवाएं 20 लाख किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्‍यादा की रफ्तार से बहती हैं। यह इलेक्‍ट्रॉन और आयोनाइज्‍ड परमाणुओं से बनती हैं, जो सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड के साथ तालमेल बैठाते हैं। सौर हवाएं जहां तक बहती हैं, वह सीमा ‘हेलिओस्फीयर' बनाती है। यह सूर्य का सबसे प्रभावित करने वाला क्षेत्र होता है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Ola Electric को बड़ा झटका, 560 करोड़ रुपये से ज्यादा का हुआ लॉस
  2. दुबई के क्रिप्टो एक्सचेंज ByBit ने भारत में चुकाया 9 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना
  3. Samsung Galaxy A36 5G में मिलेंगे 14 5G बैंड, 25W चार्जिंग सपोर्ट! भारत में भी लॉन्च होगा स्मार्टफोन
  4. Realme Narzo 70 Turbo 5G पर 3000 रुपये डिस्काउंट, अब सिर्फ 12,998 रुपये में उपलब्ध
  5. GTA 6 फैंस के लिए खुशखबरी! रिलीज में नहीं होगी देरी, जानें कब आ रहा है नया ग्रांड थेफ्ट ऑटो गेम?
  6. Nothing के ट्रांसपेरेंट वायरलेस हेडफोन्स जल्द देंगे मार्केट में दस्तक! मिलेगा 5W चार्जिंग सपोर्ट...
  7. Google Pixel 9a की कीमत हुई लीक, जानें धमाकेदार फीचर्स
  8. Realme P3 Pro गेमिंग के शौकीनों को कर सकता है इम्प्रेस! सामने आया बेंचमार्किंग स्कोर; जल्द होगा लॉन्च
  9. Vivo का V50 जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की दमदार बैटरी
  10. Delhi Election Results 2025: मोबाइल, टीवी या लैपटॉप पर कहां और कैसे लाइव देखें वोट काउंटिंग? यहां जानें
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »