अमेरिका के लिए स्पाई सैटेलाइट बना रही Elon Musk की SpaceX

Starshield के जासूसी सैटेलाइट्स धरती से लो ऑर्बिट पर मौजूद होंगे और इनसे अमेरिका के जमीन पर सैनिकों को सहायता मिलेगी। ये जमीन पर लक्ष्य का पता लगाकर उससे जुड़ा डेटा अमेरिका के मिलिट्री और इंटेलिजेंस अधिकारियों के साथ साझा करेंगे

अमेरिका के लिए स्पाई सैटेलाइट बना रही Elon Musk की SpaceX

इन सैटेलाइट में लो ऑर्बिट पर ऑपरेट कर धरती की इमेजिंग हासिल करने की क्षमता होगी

ख़ास बातें
  • इसके लिए SpaceX को लगभग 1.8 अरब डॉलर का सीक्रेट कॉन्ट्रैक्ट मिला था
  • सैटेलाइट का यह नेटवर्क SpaceX की Starshield यूनिट बनाएगी
  • इससे अमेरिका के जमीन पर सैनिकों को सहायता मिलेगी
विज्ञापन
ग्लोबल इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर Tesla के चीफ, Elon Musk की कंपनी SpaceX अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसी के लिए बड़ी संख्या में जासूसी सैटेलाइट बना रही है। इसके लिए SpaceX को तीन वर्ष पहले लगभग 1.8 अरब डॉलर का सीक्रेट कॉन्ट्रैक्ट मिला था। इसका लक्ष्य एक शक्तिशाली जासूसी सिस्टम बनाना है। इन सैटेलाइट में लो ऑर्बिट पर ऑपरेट कर धरती की इमेजिंग हासिल करने की क्षमता होगी। 

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, जासूसी सैटेलाइट का यह नेटवर्क SpaceX की Starshield यूनिट बनाएगी। इस कॉन्ट्रैक्ट से SpaceX पर अमेरिकी रक्षा विभाग Pentagon का विश्वास बढ़ने का संकेत मिल रहा है। हालांकि, मस्क और अमेरिकी सरकार के बीच यूक्रेन में Starlink के सैटेलाइट्स के इस्तेमाल जैसे मुद्दों पर मतभेद भी रहे हैं। 

Starshield के जासूसी सैटेलाइट्स धरती से लो ऑर्बिट पर मौजूद होंगे और इनसे अमेरिका के जमीन पर सैनिकों को सहायता मिलेगी। ये जमीन पर लक्ष्य का पता लगाकर उससे जुड़ा डेटा अमेरिका के मिलिट्री और इंटेलिजेंस अधिकारियों के साथ साझा करेंगे। इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अगर यह कॉन्ट्रैक्ट सफल रहता है तो इससे अमेरिकी सरकार और मिलिट्री की दुनिया भर में अपने लक्ष्यों को खोजने की क्षमता में सुधार हो सकता है। 

हाल ही में SpaceX केवल छह घंटों के अंतराल में सैटेलाइट्स के दो लॉन्च किए थे। इनमें से पहले लॉन्‍च में 23 स्‍टारलिंक सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाया गया था। दूसरे लॉन्च में भी 23 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में पहुंचाए गए थे। ये लॉन्च अमेरिका में फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से हुए थे। इनमें फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से सैटेलाइट्स को लॉन्‍च किया गया था। स्टारलिंक की कई देशों में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को पहुंचाने की योजना है। अमेरिका समेत दुनिया के कुछ देशों में स्‍टारलिंक की सर्विस शुरू हो गई है। बड़ी ई-कॉमर्स और टेक कंपनियों में शामिल टेक कंपनी Amazon की भी इस वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेट सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना है। Amazon इसके साथ ब्रॉडबैंड इंटरनेट उपलब्ध कराने वाली SpaceX और अन्य फर्मों को टक्कर देगी। इसकी सैटेलाइट इंटरनेट यूनिट Project Kuiper इस वर्ष सैटेलाइट्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगी। इसकी योजना तेजी से इस सर्विस का दायरा बढ़ाने की है। इससे इस सेगमेंट में कॉम्पिटिशन बढ़ सकता है। 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

Advertisement

#ताज़ा ख़बरें
  1. नेटवर्क फ्री ब्लूटूथ कॉलिंग का सपोर्ट करेगा Oppo Reno 12 Pro, टिप्सटर का दावा
  2. Amazon ने लॉन्च की 4k सपोर्ट के साथ Fire TV स्टिक, जानें प्राइस, फीचर्स
  3. iQOO के सबसे तगड़े स्‍मार्टफोन iQOO 13 में होगी 6000mAh बैटरी, 120W चार्जिंग
  4. OUKITEL C38 स्मार्टफोन 48MP कैमरा, 5150mAh बैटरी के साथ लॉन्च, जानें सबकुछ
  5. Vivo Y18s लॉन्‍च हुआ 6GB रैम के साथ, जानें बाकी डिटेल
  6. Maruti Suzuki ने लॉन्च किया Swift का नया वर्जन, 6.49 लाख रुपये का शुरुआती प्राइस
  7. iQOO Z9X 5G भारत में 16 मई को होगा लॉन्‍च, 6000mAh बैटरी के साथ होंगे ये तगड़े फीचर्स
  8. TCS कर्मचारी को महंगा पड़ा सिक्‍योरिटी इशू बताना, दावा- नौकरी से सस्‍पेंड
  9. Realme इस महीने भारत में लॉन्च करेगी  GT 6T, Qualcomm का होगा प्रोसेसर
  10. ZTE ने iPhone जैसे डिजाइन में Axon 60 और 60 Lite स्मार्टफोन किए लॉन्च! 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी जैसे फीचर्स, जानें कीमत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »