सूर्य में जारी हलचलों का दौर पृथ्वी के लिए ‘मुसीबत' बन रहा है। हमारे ग्रह को भू-चुंबकीय तूफानों का सामना करना पड़ रहा है। इन तूफानों की वजह सूर्य से निकलने वाले कोरोनल मास इजेक्शन (CME), सोलर फ्लेयर (Solar Flare) आदि हैं। अब रूस के वैज्ञानिकों ने एक पावरफुल सोलर फ्लेयर की भविष्यवाणी की है। इसकी वजह से हमारे ग्रह पर कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल प्रभावित हो सकते हैं। रॉयटर्स ने अपनी
रिपोर्ट में बताया है कि वैज्ञानिकों ने 3 सोलर फ्लेयर देखे हैं।
इनकी वजह से धरती पर अस्थायी शॉर्ट-वेव रेडियो कम्युनिकेशन प्रभावित हो सकता है। मॉस्को स्थित फेडोरोव इंस्टिट्यूट ऑफ एप्लाइड जियोफिजिक्स के मुताबिक हमारे ग्रह को प्रभावित करने वाले फ्लेयर X क्लास कैटिगरी के हैं। इन्हें सबसे पावरफुल फ्लेयर माना जाता है।
इनकी वजह से पृथ्वी पर अस्थायी शॉर्ट वेव रेडियो ब्लैकआउट हो सकता है। शॉर्ट वेव रेडियो फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल सेनाओं, समुद्री ट्रांसपोर्ट आदि के द्वारा किया जाता है। वैज्ञानिकों ने जिन सोलर फ्लेयर्स को देखा, उनमें से एक करीब 14 मिनट तक चलती रही।
क्या होते हैं सोलर फ्लेयर
जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्स से
सौर फ्लेयर्स बनते हैं। ये फ्लेयर्स हमारे सौर मंडल में अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद एनर्जेटिक पार्टिकल्स प्रकाश की गति से अपना सफर तय करते हैं। सोलर फ्लेयर्स ना सिर्फ शॉर्ट वेव रेडियो ब्लैकआउट कर सकते हैं, बल्कि इनकी वजह से सैटेलाइट्स और कम्युनिकेशन उपकरणों को भी नुकसान पहुंच सकता है।
पिछले साल सूर्य में हुए एक बड़े विस्फोट के कारण एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के 40 नए स्टारलिंक सैटेलाइट तबाह हो गए थे।
सूर्य में जारी हलचलों का दौर साल 2025 में अपने पीक पर पहुंच जाएगा। यह सोलर मैक्सिमम की अवधि है, जिसने सूर्य को बहुत ज्यादा उग्र कर दिया है। उसमें सनस्पॉट उभर रहे हैं, जिनकी वजह से पृथ्वी पर सौर तूफान आ रहे हैं।