होली के दिन लगे
चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) के बाद अब बारी है
सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) की। 8 अप्रैल को दुनिया के तीन देशों- मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा में पूर्ण सूर्यग्रहण (Solar Eclipse 2024 date and time) लगने जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह एक अनोखी खगोलीय घटना होने वाली है। 54 साल पहले 1970 में ऐसा सूर्यग्रहण लगा था और आगे चलकर साल 2078 में फिर से यह खगोलीय घटना होगी। बताया जाता है कि ग्रहण के दौरान जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आएगा तो धरती पर जो परछाई बनेगी, वह 185 किलोमीटर चौड़ी होगी। ऐसे में यह जानना दिलचस्प हो जाता है कि सूर्य ग्रहण का असर कितने समय तक रहेगा।
स्पेसडॉटकॉम की
रिपोर्ट के अनुसार, सूर्य का पाथ ऑफ टोटैलिटी (path of totality) का समय देशों के हिसाब से अलग-अलग है। मैक्सिको में सूर्यग्रहण का असर 40 मिनट 43 सेकंड तक रहेगा। इस दौरान मैक्सिको के अलग-अलग शहरों में कुछ मिनटों के लिए पूर्ण सूर्यग्रहण लगेगा और घना अंधेरा छा जाएगा। यूएस में ग्रहण का असर 67 मिनट 58 सेकंड तक रहेगा और कनाडा में यह 34 मिनट 4 सेकंड तक अपना प्रभाव दिखाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, ग्रहण की शुरुआत भारतीय समय के अनुसार, रात 10:08 बजे से होगी और यह औसत रूप से रात 1:25 बजे तक प्रभावी होगा। क्योंकि भारत में तब रात हो रही होगी, इसलिए ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। लोग यूट्यूब चैनलों और विभिन्न साइंस वेबसाइटों पर इस ग्रहण को देख पाएंगे (How to watch Solar Eclipse 2024 online)। गैजेट्स 360 हिंदी भी आपको ग्रहण से जुड़े अपडेट देता रहेगा।
सूर्य जब अटलांटिक महासागर के ऊपर होगा और सूर्यास्त होने वाला होगा, तब ग्रहण खत्म हो जाएगा। शहरों के नजरिए से देखें तो पूर्ण सूर्यग्रहण का असर सबसे ज्यादा समय तक अमेरिका के टेक्सास में होगा। वहां के केरविले, फ्रेडरिक्सबर्ग के इलाकों में 4 मिनट 25 सेकंड तक पूर्ण सूर्यग्रहण रहेगा और अंधेरा छा जाएगा। यही वजह है कि ग्रहण वाले दिन अमेरिका के तमाम स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, कुछ इलाकों में पूर्ण सूर्यग्रहण की अवधि 7.5 मिनट तक होगी। कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, फ्रेंच पोलिनेशिया और जमैका जैसे देशों में भी आशिंक रूप से यह दिखाई देगा।
पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान चंद्रमा, सूर्य की पूरी डिस्क को ढक लेगा और दिन में अंधेरा छा जाएगा। ग्रहण से एक दिन पहले ही चंद्रमा अपने निकटतम बिंदु पर पृथ्वी के करीब आएगा और दोनों के बीच दूरी 3 लाख 60 हजार किलोमीटर रह जाएगी।