रिसर्चर्स ने एक ऐसे ऑब्जेक्ट को ढूंढा है, जो आजतक खोजे गए ऑब्जेक्ट्स में सबसे दूर है। HD1 नाम का यह ऑब्जेक्ट एक गैलेक्सी (आकाशगंगा) हो सकती है, जिसके पृथ्वी से 13.5 अरब प्रकाश वर्ष दूर होने का अनुमान है। यह अबतक खोजी गई सबसे दूर स्थित आकाशगंगा GN-z11 से भी 100 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। HD1 की खूबी है कि यह अल्ट्रावॉयलेट लाइट में तेज चमकता है। यह खुद को ऐसे पेश करता है, मानो कि यह एक आकाशगंगा हो। इसी वजह से वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि यह एक स्टारबर्स्ट आकाशगंगा हो सकती है या एक ऐसी गैलेक्सी जो तेजी से स्टार्स पैदा करती है। पता चला है कि आकाशगंगा बनने का यह कैंडिडेट हर साल 100 से ज्यादा तारों का निर्माण कर रहा है। यह सामान्य स्टारबर्स्ट आकाशगंगाओं से 10 गुना ज्यादा है।
यह खोज हार्वर्ड और स्मिथसोनियन के सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के एक्सपर्ट समेत खगोलविदों की एक इंटरनेशनल टीम के द्वारा की गई।
रिसर्चर्स की टीम के दो सुझाव हैं। पहला- HD1 नाम का यह ऑब्जेक्ट बहुत तेजी से तारे बना सकता है और यह पॉपुलेशन III स्टार्स का घर हो सकता है, जो ब्रह्मांड के पहले सितारे हैं और जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया है। दूसरा सुझाव यह है कि HD1 हमारे सूर्य के द्रव्यमान से 100 मिलियन गुना अधिक विशाल ब्लैक होल का घर हो सकता है।
एस्ट्रोफिजिकल जर्नल (ApJ) में इस
खोज के बारे में बताया गया है। रिसर्चर्स ने रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी (MNRAS) के मंथली नोटिस में पब्लिश
रिपोर्ट में बताया है कि उन्होंने इस आकाशगंगा के बारे में सोचना शुरू कर दिया है।
MNRAS की इस स्टडी के प्रमुख लेखक और ApJ में पेपर के सह-लेखक फैबियो पकुची ने कहा कि एक सोर्स पर तमाम सवालों के जवाब देना अभी मुश्किल है। इस रिसर्च में अभी लंबा वक्त लगने वाला है। पॉपुलेशन III स्टार्स के बारे में उनका कहना है कि ब्रह्मांड की यह सबसे शुरुआती आबादी, आज मौजूद तारों की तुलना में अधिक बड़ी, चमकदार और गर्म थी। अगर हम मान लें कि HD1 में बनने वाले तारे पॉपुलेशन III स्टार्स हैं, तो आकाशगंगा की विशेषताओं का बेहतर वर्णन किया जा सकता है।
HD1 को सुबारू टेलीस्कोप, VISTA टेलीस्कोप, यूके इन्फ्रारेड टेलीस्कोप और स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप का इस्तेमाल करके लगभग 1,200 घंटे के ऑब्जर्वेशन के बाद खोजा गया है।