• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • मैग्नेटिक बैक्टीरिया के इस्तेमाल से कैंसर को मात देने में जुटे रिसर्चर्स

मैग्नेटिक बैक्टीरिया के इस्तेमाल से कैंसर को मात देने में जुटे रिसर्चर्स

ETH Zurich यूनिवर्सिटी में रिसर्चर्स कैंसर के ट्यूमर से लड़ने के लिए मैग्नेटिक बैक्टीरिया का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं

मैग्नेटिक बैक्टीरिया के इस्तेमाल से कैंसर को मात देने में जुटे रिसर्चर्स

रिसर्चर्स को विशेष बैक्टीरिया पर कंट्रोल करने में सफलता मिली है

ख़ास बातें
  • इससे रक्त वाहिकाओं को पार करने के बाद ट्यूमर को बेअसर किया जा सकता है
  • इसमें ऐसे बैक्टीरिया का इस्तेमाल हो रहा है जो मैग्नेटिक है
  • रिसर्चर्स को इस तरीके में शुरुआती सफलता मिली है
विज्ञापन
दुनिया भर में कैंसर से लड़ने के लिए दवाओं और प्रोसीजर्स पर रिसर्च की जा रही है। इसी कड़ी में ETH Zurich यूनिवर्सिटी में रिसर्चर्स कैंसर के ट्यूमर से लड़ने के  लिए मैग्नेटिक बैक्टीरिया का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं। इन रिसर्चर्स ने इन माइक्रोऑर्गेनिज्म्स को रक्त वाहिकाओं से पार कराने और ट्यूमर को समाप्त करने का एक तरीका खोजा है।

कुछ देशों में वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं कि कैसे कैंसर रोधी दवाओं को कुशल तरीके से निशाने वाले ट्यूमर्स तक पहुंचाया जा सकता है। इसमें एक संभावना मॉडिफाइड बैक्टीरिया का इस्तेमाल दवाओं को रक्त प्रवाह के जरिए ट्यूमर्स तक पहुंचाने के लिए करना शामिल है। ETH Zurich के रिसर्चर्स को विशेष बैक्टीरिया पर कंट्रोल करने में सफलता मिली है। इससे वे रक्त वाहिकाओं को पार कर ट्यूमर को बेअसर कर सकते हैं। Responsive Biomedical Systems की प्रोफेसर Simone Schürle की अगुवाई में रिसर्चर्स ने ऐसे बैक्टीरिया के साथ काम कर रहे हैं जो आयरन ऑक्साइड पार्टिकल्स होने के कारण प्राकृतिक तौर पर मैग्नेटिक होते हैं। 

एक्सपेरिमेंट्स और कम्प्युटर सिम्युलेशंस की मदद से रिसर्चर्स यह दिखाने में सफल रहे हैं कि एक रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल कर बैक्टीरिया को आगे बढ़ाना असरदार होता है। ETH Zurich को रिसर्च के लिए दुनिया की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में गिना जाता है। इसके कुछ पूर्व छात्रों ने नोबेल पुरस्कार भी हासिल किए हैं। 

इस वर्ष की शुरुआत में पहली बार एक महिला ने HIV को हराया था। रिसर्चर्स ने बताया था ल्यूकेमिया से पीड़ित एक अमेरिकी महिला अपने डोनर से स्टेम सेल ट्रांसप्लांट हासिल करने के बाद HIV से ठीक होने वाली पहली महिला और तीसरी व्यक्ति बन गई है। रिसर्चर्स को उम्‍मीद है कि इलाज का यह तरीका ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों के लिए उपलब्‍ध हो सकता है और HIV से पीड़ि‍त लाखों लोगों की जिंदगी से इस बीमारी को दूर कर सकता है। यह महिला 14 महीने तक HIV वायरस से मुक्त रही। उसे कोई HIV ट्रीटमेंट नहीं दिया गया। इससे पहले दो पुरुषों के केस में एडल्‍ट स्टेम सेल के जरिए HIV का इलाज किया गया था, जिसका इस्‍तेमाल अक्‍सर बोन मैरो ट्रांसप्‍लांट में होता है। यह केस कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी लॉस एंजिल्स (UCLA) के यवोन ब्रायसन और बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की डेबोरा पर्सौड के नेतृत्व वाली स्‍टडी का हिस्सा था। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Elista ने लॉन्च किए 6 नए AC, 45 डिग्री सेल्सियस में भी देंगे कूलिंग, जानें फीचर्स
  2. BGMI प्लेयर्स को बड़ा तोहफा, इन 24 रिडीम कोड में दिए जा रहे हैं धांसू रिवॉर्ड्स, ऐसे करें यूज
  3. Vivo Watch 5 हुई लॉन्च, AMOLED डिस्प्ले के साथ 22 दिनों तक चलेगी बैटरी, जानें सबकुछ
  4. Honor X60 GT फोन 16GB तक रैम, 6300mAh बैटरी, 50MP कैमरा के साथ हुआ लॉन्च, जानें कीमत
  5. 50MP कैमरा, 6620mAh बैटरी के साथ Huawei Enjoy 80 लॉन्च, जानें फीचर्स
  6. Vivo X200 Ultra vs Vivo X200s: कौन सा फ्लैगशिप फोन है बेस्ट
  7. Amazfit Active 2 लॉन्च, हेल्थ और स्पोर्ट्स फीचर्स के साथ 19 दिनों तक चलेगी बैटरी
  8. Vivo Pad 5 Pro, Pad SE टैबलेट लॉन्च, 13 इंच डिस्प्ले के साथ 12050mAh बैटरी से लैस, जानें सबकुछ
  9. Infosys ने बर्खास्त किए गए ट्रेनीज को दिया एक महीने के वेतन, टिकट के भुगतान का ऑफर
  10. Mahindra की XEV 7e के लॉन्च की तैयारी, बैटरी के हो सकते हैं 2 ऑप्शन
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »