इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को: भारत में दिखेगा या नहीं.... 

भारत और दक्षिण एशिया में यह ग्रहण रात को होगा और इसे प्रत्यक्ष तौर पर नहीं देखा जा सकेगा। हालांकि, खगोलशास्त्र में दिलचस्पी रखने वाले इसे ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम्स के जरिए देख सकते हैं

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 20 सितंबर 2025 22:05 IST
ख़ास बातें
  • इस आंशिक सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा
  • सूर्य ग्रहण तब होता है जब धरती और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुजरता है
  • यह भारतीय समय (IST) के अनुसार, 21 सितंबर को 10:59 pm पर शुरू होगा

आंशिक सूर्य ग्रहण को अंटार्कटिका में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकेगा

इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण कल (21 सितंबर) को होगा। हालांकि, इस आंशिक सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। दक्षिणी गोलार्ध के कुछ हिस्सों में यह दिखेगा। इस अद्भुत खगोलीय घटना का अंटार्कटिका, न्यूजीलैंड और बहुत से पैसेफिक आइलैंड्स के लोग गवाह बनेंगे। 

क्या होता है सूर्य ग्रहण?

सूर्य ग्रहण तब होता है जब धरती और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुजरता है। इससे धरती तक सूर्य की रोशनी का पहुंचना आंशिक तौर पर या पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। यह अलाइनमेंट के आधार पर पूर्ण, आंशिक या गोले के आकार का हो सकता है। आंशिक सूर्य ग्रहण में सूर्य का केवल एक हिस्सा चंद्रमा की ओर से धुंधला होता है। यह एक आकर्षक खगोलीय दृश्य बनाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के विपरीत, इसमें सूर्य पूरी तरह नहीं ढकता लेकिन देखने वालों के लिए इसका अर्द्ध-चंद्राकार हैरान करने वाला होता है। 

भारत और दक्षिण एशिया में यह ग्रहण रात को होगा और इसे प्रत्यक्ष तौर पर नहीं देखा जा सकेगा। हालांकि, खगोलशास्त्र में दिलचस्पी रखने वाले इसे ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम्स के जरिए देख सकते हैं। यह भारतीय समय (IST) के अनुसार, 21 सितंबर को 10:59 pm पर शुरू होगा। आंशिक सूर्य ग्रहण 22 सितंबर को 1:11 am पर अधिकतम होगा और इसकी समाप्ति 3:23 am पर होगी। आंशिक सूर्य ग्रहण को अंटार्कटिका में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकेगा। सूर्य का 86 प्रतिशत तक हिस्सा अंटार्कटिका में धुंधला हो जाएगा। पैसेफिक आइलैंड्स के टोंगा में सूर्य का 32 प्रतिशत, फिजी में 27 प्रतिशत, कुक आइलैंड्स में 23 प्रतिशत और समोआ में 17 प्रतिशक तक धुंधला होगा। 

इस सूर्य ग्रहण को विशेष माना जा रहा है क्योंकि यह सितंबर इक्विनॉक्स से पहले हो रहा है। दक्षिणी गोलार्ध में इक्विनॉक्स से वसंत की शुरुआत होती है और उत्तरी गोलार्ध में यह शरद ऋतु के आगमन का प्रतीक होता है। इससे 21 सितंबर को होने वाले सूर्य ग्रहण के साथ मौसम का एक कनेक्शन भी जुड़ गया है। वैज्ञानिकों को हिंदू धर्म के चार प्रमुख वेदों में से एक ऋग्वेद से सूर्य ग्रहण के बारे में अहम जानकारी मिली है। ऋग्वेद के अध्य्यन से एस्ट्रोनॉमर्स को पता चला है कि इसमें 6,000 वर्ष पहले लगे सूर्यग्रहण का उल्‍लेख है। यह सूर्य ग्रहण के बारे में मिली सबसे पुरानी जानकारी है। 


 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को: भारत में दिखेगा या नहीं.... 
#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत और पाकिस्तान के बीच आज होगा एशिया कप सुपर 4 का T-20 मुकाबला, जानें कब और कहां देखें सीधा प्रसारण
  2. इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को: भारत में दिखेगा या नहीं.... 
  3. iOS 26 में आ रही है दिक्कत? तो ऐसे जा सकते हैं iOS 18.6.2 पर वापस, ये है पूरा तरीका
  4. Vivo Y31 Pro 5G vs Samsung Galaxy A17 5G vs iQOO Z10R 5G: कौन सा फोन है बेस्ट
  5. Greaves Electric ने लॉन्च किया Ampere Magnus Grand इलेक्ट्रिक स्कूटर, जानें प्राइस, फीचर्स
  6. Cellecor ने लॉन्च किया COMET CBS-05 Pro वायरलेस स्पीकर, 80W साउंड और रेट्रो डिजाइन का कॉम्बो, जानें कीमत
  7. Samsung Galaxy A17 4G लॉन्च, 50MP कैमरा और 5000mAh बैटरी के साथ आया बजट फोन, जानें कीमत
  8. Redmi 15C 5G हुआ लॉन्च: इसमें है 6,000mAh बैटरी, 256GB स्टोरेज और 50MP कैमरा, जानें कीमत
  9. Jio, Airtel को टक्कर देने के लिए BSNL 5G सर्विस दिल्ली और मुंबई में 2025 तक होगी शुरू
  10. Nothing Ear 3 TWS ईयरफोन्स हुए लॉन्च, केस में है 'Super Mic', फुल चार्ज में चलेंगे 38 घंटे! जानें कीमत
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.